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मीरा मुंडा के मैदान में आते ही चल निकला बाहरी-भीतरी का नारा : संजीव

पोटका विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के टिकट पर संजीव सरदार विधायक चुने गए हैं। जीत के बाद संजीव हमसे अपने आगे के प्लान पर बातचीत करते हैं।

by Rohit Kumar
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जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत पोटका विधानसभा क्षेत्र से एक बार फिर झामुमो के टिकट पर संजीव सरदार विधायक चुने गए हैं। इससे न केवल उनके समर्थक, बल्कि वे स्वयं भी काफी उत्साहित हैं। उन्हें उम्मीद है कि झामुमो की दो-तिहाई बहुमत वाली सरकार में जनकल्याण के कार्य ज्यादा होंगे। इन्हीं सब सवालों के मद्देनजर द फोटोन न्यूज को दिए गए साक्षात्कार में संजीव सरदार ने अपने विचार साझा किए।

प्रश्न : अब जबकि आप चुनाव जीत गए हैं, ऐसे में आपकी जीत के प्रमुख कारण क्या रहे?

– मैं अपने क्षेत्र में हमेशा उपलब्ध रहा। लोगों के बीच बना रहा। दिन-रात लोगों की सेवा की, जिसका लाभ मिला है। मैंने सरकार की जनकल्याकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया। शायद यही वजह रही कि जनता ने मुझे दोबारा चुना है।

प्रश्न : इस विधानसभा चुनाव में युवा होने का कितना लाभ मिला?

– अब तक पोटका से जो भी विधायक रहे, उनमें ज्यादातर प्रौढ़ थे। उन्होंने युवाओं तक पहुंचने का काम नहीं किया। मैं खुद युवा हूं, इसलिए युवाओं की समस्याएं भी जानता हूं। मेरे साथ कई युवा भी चलते हैं। मैं युवाओं तक पहुंचा और समस्याओं को जानकर उन्हें हल किया। क्षेत्र में एक विधायक के नाते नहीं बल्कि भाई बनकर काम किया है। लोगों से रिश्ता बनाया है।

प्रश्न : क्या आपको बतौर प्रतिद्वंद्वी मीरा मुंडा से मुकाबला ज्यादा चुनौतीपूर्ण लग रहा था?

– जैसे ही मीरा मुंडा का नाम भाजपा ने घोषित किया, क्षेत्र में बाहरी बनाम स्थानीय का नारा अपने आप चलने लगा। चुनाव से पहले मीरा मुंडा कभी भी पोटका नहीं आई थीं। उन्हें बाहरी के रूप में देखा जा रहा था और इस तरह का माहौल बना, जिससे लड़ाई बाहरी और स्थानीय की हो गई। उनकी उपलब्धता पर भी काफी सवाल खड़े होने लगे थे।

प्रश्न : मीरा मुंडा के पति अर्जुन मुंडा झारखंड की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं, आखिर उनके प्रभाव से कैसे निकले?

– पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा ने मुख्यमंत्री रहते पिछड़ों का आरक्षण नहीं बढ़ाया, बल्कि झारखंड के पहले सरकार में कल्याण मंत्री रहते आरक्षण घटा दिया था। केंद्रीय जनजातीय मंत्री रहने के बाद भी सरना कोड नहीं दे सके, जिसके कारण आदिवासी और पिछड़ों में काफी गुस्सा था।

प्रश्न : आगामी 5 वर्षों में आप अपने क्षेत्र के लिए क्या करेंगे? क्या होंगी प्राथमिकताएं?

– आगामी पांच साल में क्षेत्र में सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाऊंगा। जिन लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, उन्हें भी इसका लाभ दिलाऊंगा। इसके अलावा क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दूंगा। लोग शिक्षित होंगे तो क्षेत्र का विकास अपने आप होगा। जो दायित्व मिलेगा, निभाएंगे।

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