Jamshedpur News : परसुडीह के खासमहल से लेकर करनडीह चौक तक अंचल प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने की चेतावनी के बाद इलाके के लोगों ने खुद ही अपने झोपड़े और ठेले हटाने शुरू कर दिए हैं। कई लोगों ने अपनी अस्थायी दुकानें फुटपाथ से हटा ली हैं। इससे अब सड़क चौड़ी दिखने लगी है। मंगलवार को जब प्रशासन की निर्धारित कार्रवाई की तारीख थी, उससे पहले ही स्थानीय लोगों ने कार्रवाई से पहले ही अपने अतिक्रमण हटा लिए हैं।
इन लोगों का अतिक्रमण कोई नया नहीं था, बल्कि वे वर्षों से फुटपाथों और सड़क किनारे फल-सब्जी बेचने और छोटे-मोटे सामान की दुकान लगाकर जीवन यापन कर रहे थे। बारिश, ठंड और धूप से बचने के लिए इन्होंने प्लास्टिक और टीन की छतों से अपने झोपड़े बनाए हुए थे, जिन्हें अब प्रशासन की नोटिस के बाद उन्होंने तोड़ दिया।
हालांकि, जिस दिन प्रशासनिक कार्रवाई होनी थी, उस दिन अंचल अधिकारी या उनकी टीम मौके पर नहीं पहुंची। इससे लोग घंटों उनका इंतजार करते रहे, पर कोई जवाबदेही नहीं दिखी।
इस बीच, स्थानीय लोगों ने अंचल प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि प्रशासन सिर्फ गरीबों की बस्तियों को निशाना बना रहा है, जबकि प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। प्रखंड कार्यालय के पास एक व्यवसायी ने बीते दो दिनों में अवैध निर्माण किया है, जिसकी लिखित शिकायत भी की गई है, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसी तरह, साकची बाजार में भी बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है। यहां भी लोगों ने बिना नक्शा पर्मीशन के पुरानी इमारतों के ऊपर दो-तीन मंजिल तक निर्माण कर लिया है। जिला प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण हटाने के लिए कई बार कोशिश की गई मगर, राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अधिकारियों ने कई बार नापी भी कराई मगर, कार्रवाई धरातल पर नहीं उतर सकी।
स्थानीय जनता का कहना है कि अगर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो रही है तो वह सभी पर समान रूप से लागू होनी चाहिए। केवल कमजोर वर्ग पर सख्ती दिखाना न्यायसंगत नहीं है। लोगों ने मांग की है कि प्रशासन निष्पक्ष तरीके से सभी प्रकार के अतिक्रमण को हटाए, चाहे वह किसी गरीब का हो या किसी प्रभावशाली व्यक्ति का।
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