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Ayodhya Ram Mandir : प्राण-प्रतिष्ठा में मुख्य अर्चक ने कहा- प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी होंगे मुख्य यजमान

by The Photon News Desk
Ayodhya Ram Mandir
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अयोध्या/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 22 जनवरी को Ayodhya Ram Mandir के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य यजमान होंगे। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मुख्य अर्चक की भूमिका निभाने जा रहे पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मुख्य यजमान होंगे।
दीक्षित ने उन खबरों का खंडन किया कि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान में यजमान होंगे। दीक्षित वाराणसी से अयोध्या के लिए रवाना हुए। उन्होंने बताया कि पूर्व में उन्होंने राजस्थान के लक्ष्मणगढ़ स्थित भगवान राम मंदिर में और ओडिशा के एक मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न कराए थे।

Ayodhya Ram Mandir में 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले किये जा रहे अनुष्ठानों के तहत दूसरे दिन बुधवार को सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया। मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य ने यह जानकारी दी और कहा कि अनुष्ठानों का सिलसिला 22 जनवरी तक जारी रहेगा।

Ayodhya Ram Mandir : मंगलवार से शुरू है अनुष्ठान

अनुष्ठानों का सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ जो बुधवार को यहां सरयू नदी के तट पर ‘यजमान’ (मुख्य यजमान) द्वारा कलश पूजन के साथ जारी रहा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने सरयू नदी तट पर कलश पूजन किया।
इसके पहले Ayodhya Ram Mandir के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा था कि अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा। 11 पुजारी सभी देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं।

Ayodhya Ram Mandir : रामलला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में लाया गया

रामलला की मूर्ति को बुधवार रात यहां राम मंदिर के गर्भगृह में लाया गया। श्री राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने यह जानकारी दी। मूर्ति को अंदर लाने से पहले गर्भगृह में एक विशेष पूजा आयोजित की गई। मिश्रा ने कहा कि गुरुवार को गर्भगृह में मूर्ति स्थापित किए जाने की संभावना है। मूर्ति को एक ट्रक से मंदिर लाया गया।

Ayodhya Ram Mandir में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इससे पहले बुधवार को कलश पूजन का आयोजन किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आवश्यक हर अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे।121 आचार्य अनुष्ठान का संचालन कर रहे हैं।

Ayodhya Ram Mandir में प्राण प्रतिष्ठा से दूसरे दिन हुआ कलश पूजन

Ayodhya Ram Mandir में अनुष्ठानों के दूसरे दिन बुधवार को सरयू नदी के तट पर कलश पूजन किया गया। मंदिर ट्रस्ट के एक सदस्य ने यह जानकारी दी। अनुष्ठानों का सिलसिला मंगलवार को शुरू हुआ जो बुधवार को यहां सरयू नदी के तट पर यजमान (मुख्य यजमान) द्वारा कलश पूजन के साथ जारी रहा।
इसके पहले मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन होने वाले अनुष्ठानों से पहले के इन अनुष्ठानों का सिलसिला 21 जनवरी तक जारी रहेगा।

राय ने यह भी कहा था कि समारोह के दिन राम लला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े न्यूनतम जरूरी अनुष्ठानों को किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा, उनकी पत्नी और अन्य लोगों ने सरयू नदी तट पर कलश पूजन किया। मिश्रा ने कहा कि आज सरयू तट पर कलश पूजन का कार्यक्रम हुआ।

अयोध्या में सरयू के जल का बहुत महत्व

सरयू नदी के जल से भरे बर्तन उस स्थान (Ayodhya Ram Mandir) पर ले जाएंगे, जहां समारोह से पहले के अनुष्ठान किये जा रहे हैं। मिश्रा अनुष्ठान के लिए यजमान हैं और उन्हें 22 जनवरी को किए जाने वाले अनुष्ठानों सहित सभी अनुष्ठानों में भाग लेना है।
प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोग विशेष अनुष्ठान में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि अयोध्या में सरयू के जल का बहुत महत्व है, इसलिए कलश पूजन के बाद वाराणसी के पुजारी मंदिर में अनुष्ठान करेंगे।

राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा था, अनुष्ठान शुरू हो गया है और 22 जनवरी तक जारी रहेगा। 11 पुजारी सभी देवी-देवताओं का आह्वान करते हुए अनुष्ठान कर रहे हैं। आमतौर पर यजमान अनुष्ठान का मुख्य पुजारी होता है। यजमान की ओर से ही प्रार्थना की जाती है।

121 आचार्य अनुष्ठान में जुटे, भक्ति की बह रही धारा

प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के अंत में मोदी का भाषण देने का कार्यक्रम है, जिसमें 8,000 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है। लेकिन इनमें से कुछ ही लोगों को मंदिर के गर्भगृह के अंदर जाने की अनुमति होगी। अयोध्या में इन अनुष्ठानों का संचालन 121 आचार्य कर रहे हैं और गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ अनुष्ठान की सभी कार्यवाही की देखरेख, समन्वय एवं निर्देशन कर रहे हैं। प्रधान आचार्य काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित होंगे।

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