RANCHI: झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक पारदर्शी, सुलभ एवं सशक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने आज एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। बैठक आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना और राज्यकर्मी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को लेकर आयोजित की गई थी। बैठक में झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी की कार्यकारी निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा, विभाग के अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज तथा तकनीकी सहयोगी संस्थाओं टाटा एआईजी, डेलॉइट और एनआईसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
योजनाओं के संचालन में लाएं तेजी
अपर मुख्य सचिव ने योजनाओं के संचालन में तेजी लाने के लिए कई निर्देश जारी किए। उन्होंने ई-केवाईसी प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण कराने पर जोर दिया ताकि लाभार्थियों को बिना किसी देरी के योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने सहियाओं को ई-केवाईसी कार्य में सहयोग हेतु अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का सुझाव दिया, जिसका प्रस्ताव राज्य कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अस्पतालों के इंपैनलमेंट की प्रक्रिया प्रत्येक माह आयोजित की जाए, ताकि अधिक से अधिक गुणवत्ता युक्त अस्पतालों को योजना में जोड़ा जा सके। इसके साथ ही उन्होंने पारदर्शी चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने पर बल दिया।
योजनाओं को लेकर चर्चा
मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना को अबुआ स्वास्थ्य योजना में सम्मिलित करने के निर्देश भी इस बैठक में दिए गए। इसका उद्देश्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित नागरिकों को व्यापक स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है। इसके तहत उपलब्ध पैकेजों की पुनर्समीक्षा और आवश्यक संशोधन के लिए डीआईसी (डिस्ट्रिक्ट इंप्लीमेंटेशन कमिटी) को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। राज्यकर्मी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को लेकर भी विशेष चर्चा हुई, जिसमें बेहतरीन अस्पतालों को इंपैनल करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए भी हितधारकों के बीच समन्वय आवश्यक है।
प्रतिनिधियों ने दी जानकारी
बैठक में उपस्थित तकनीकी संस्थाओं टाटा एआईजी, डेलॉइट व एनआईसी के प्रतिनिधियों ने डिजिटल प्रक्रियाओं को और सरल बनाने के साथ तकनीकी सहायता से जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा कीं।