RANCHI: झारखंड की राजनीति में विपक्ष और सरकार के बीच घमासान तेज है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य के डीजीपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके संरक्षण में कई लोग अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। राज्य सरकार फिलहाल इन लुटेरों को बचा सकती है, लेकिन जिस तरह लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सजा मिली, उसी तरह झारखंड के लुटेरे भी देर-सबेर कानून के शिकंजे में आएंगे।
वांटेड अपराधी डीजीपी कार्यालय में दिखा
उन्होंने आरोप लगाया कि रामगढ़ पुलिस का वांटेड अपराधी राजेश राम, जो फिलहाल जमानत पर बाहर है। लगातार डीजीपी कार्यालय आता-जाता रहा, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि पहली बार गिरफ्तारी के बाद भुरकुंडा थाना प्रभारी से बातचीत करने वाले इंस्पेक्टर गणेश सिंह, अवैध डीजीपी के खासमखास बताए जाते हैं और उनके अवैध संसाधन संग्रहकर्ताओं की टीम का हिस्सा हैं।
योजनाबद्ध तरीके से लूटा जा रहा झारखंड को
भाजपा नेता ने आगे कहा कि वायरल ऑडियो के अनुसार, पुलिस मुख्यालय में तैनात सिपाही रंजीत राणा, जो अवैध डीजीपी अनुराग गुप्ता का करीबी माना जाता है। उसने कारोबारी से संपर्क करने की कोशिश की थी, जिससे राजेश राम ने कथित तौर पर 65 लाख रुपये वसूले थे। यह सब किसी फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह लग सकता है, लेकिन यह हकीकत है कि झारखंड को योजनाबद्ध तरीके से लूटा जा रहा है।
मुख्यमंत्री को कितना मिला हिस्सा
बाबूलाल ने मुख्यमंत्री पर सीधा सवाल दागते हुए कहा कि शराब घोटाले में चार्जशीट समय पर दाखिल न होने से कई माफियाओं को जमानत मिली और इसमें सौ करोड़ से अधिक का लेन-देन हुआ। उन्होंने पूछा कि इसमें मुख्यमंत्री को कितना हिस्सा मिला और अगर नहीं मिला तो जिम्मेदार अफसरों पर क्या कार्रवाई की गई? उन्होंने कहा कि झारखंड को लूटने और सबूत मिटाने की चाहे जितनी कोशिशें की जाएं, जांच एजेंसियां किसी को नहीं छोड़ेंगी।