रांची : भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को झारखंड की सरकारी टेंडर प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी टेंडर आवंटन प्रक्रिया की पारदर्शिता पर लगातार संदेह बना हुआ है और यह हालात जनता के लिए चिंता का कारण हैं। उन्होंने कहा कि महालेखाकार की हालिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि कई विभागों, जैसे पेयजल स्वच्छता, ग्रामीण कार्य विकास, गृह कारा और आपदा प्रबंधन में एक ही आईपी एड्रेस से टेंडर भरे गए थे। यह स्पष्ट करता है कि ठेके पहले से तय थे और प्रक्रिया केवल एक औपचारिकता बनकर रह गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इन विभागों में चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
गुणवत्ता पर भी पड़ेगा असर
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि यदि टेंडर आवंटन में इस तरह की अनियमितताएं होती रहेंगी तो इसका असर सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं की गुणवत्ता पर भी पड़ेगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जलमीनार ध्वस्त हो रहे हैं, सड़कों का काम महीनों में ही जर्जर हो जाता है। इस भ्रष्टाचार के कारण इंजीनियर, अधिकारी से लेकर मंत्री तक जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं।
राज्य के विकास में बन रही बाधक
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह स्थिति न केवल राज्य के विकास में बाधक बन रही है, बल्कि झारखंड की छवि को भी नुकसान पहुंचा रही है। उन्होंने राज्य सरकार से भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई की अपील करते हुए कहा कि अगर जल्द ही कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आम जनता का सरकारी तंत्र पर से विश्वास पूरी तरह से उठ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है कि टेंडर प्रक्रिया में जवाबदेही तय की जाए और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए, ताकि जनता के पैसों की लूट रोकी जा सके।