रांची : झारखंड में अपराध का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। राज्य के नागरिकों के लिए सुरक्षा अब एक बड़ा सवाल बन चुकी है। यह बातें सोमवार को बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखी हैं। उन्होंने ‘द फोटोन न्यूज’ अखबार पर छपी खबर को पोस्ट कर राज्य सरकार पर निशाना साधा। कहा कि झारखंड में प्रतिदिन औसतन 5 लोगों की हत्या हो रही है।
एससीआरबी द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक, इस वर्ष जनवरी से अक्तूबर तक के बीच 1400 लोगों की हत्या की जा चुकी है। इस दौरान सिर्फ आमलोग ही नहीं, बल्कि पुलिस अधिकारी, अधिवक्ता और जनप्रतिनिधि भी असमय मौत के घाट उतार दिए गए हैं। झारखंड में अपराध का ग्राफ चिंताजनक रूप से ऊपर चढ़ रहा है।
अपराध रोकने में राज्य सरकार विफल
विधि व्यवस्था सुदृढ़ बनाये रखना राज्य सरकार की जिम्मेवारी है, लेकिन मुख्यमंत्री नागरिकों की सुरक्षा में बुरी तरह विफल साबित हो रहे हैं। झारखंड में बढ़ता अपराध आमलोगों के जेहन में खौफ पैदा कर रहा है। अगर तुरंत ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो राज्य की स्थिति और भयावह हो सकती है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन को अपराध नियंत्रण के लिए मजबूत इच्छाशक्ति के साथ ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
‘द फोटोन न्यूज’ ने उठाया था मुद्दा
बता दें कि ‘द फोटोन न्यूज’ ने 30 दिसंबर के अंक में राज्य में हो रही हत्याओं पर प्रमुखता से एक खबर प्रकाशित की थी। इसमें 10 महीने में हुई हत्याओं का उल्लेख किया गया था। साथ ही झारखंड में अपराधियों के बढ़ते मनोबल का भी मुद्दा उठाया गया था। मालूम हो कि झारखंड में जनवरी 2024-अक्टूबर 2024 तक 1400 लोगों को मौत की नींद सुला दिया गया। ये आंकड़े स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किए हैं। हालांकि, ज्यादातर मामलों में पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार भी कर लेती है।
बता दें कि सबसे ज्यादा हत्याएं जून 2024 में हुई। इस महीने 178 लोगों को मार डाला गया। वहीं, अगस्त में पुलिस की नकेल के बाद घटनाएं कम हुईं। अगस्त 2024 में 108 लोगों की हत्या कर दी गई। लेकिन, अगले महीने अक्टूबर में यह आंकड़ा फिर बढ़कर 148 पर पहुंच गया। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि अब ये पुलिस को भी नहीं बख्श रहे। राजधानी रांची में स्पेशल ब्रांच में तैनात सब-इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।