रांची : झारखंड में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से आपदा प्रबंधन विभाग के 1300 करोड़ रुपये का हिसाब मांगा है। मरांडी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग को दी गई इस राशि का अब तक कोई हिसाब नहीं दिया गया है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह इस राशि का पूरा विवरण जनता के सामने रखे।
क्या हुआ 1300 करोड़ रुपये का?
बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा, “हेमंत सरकार पिछले पांच वर्षों में आपदा प्रबंधन विभाग के ₹1300 करोड़ फंड का हिसाब देने में नाकाम साबित हो रही है। सवाल यह है कि यह राशि आखिर कहां गई?” मरांडी ने यह भी पूछा कि क्या विभागों ने इस राशि का उपयोग अन्य कार्यों में किया, या फिर यह किसी बड़े घोटाले का हिस्सा है?
सरकार पर वित्तीय लापरवाही का आरोप
बाबूलाल मरांडी ने वित्त मंत्री के उस प्रस्ताव पर भी सवाल उठाया, जिसमें महुआ शराब बनाने के प्लांट लगाने का सुझाव दिया गया था। उन्होंने कहा कि एक ओर सरकार इस तरह के बेतुके प्रस्ताव दे रही है, जबकि दूसरी ओर वह खजाने से खर्च हुए हजारों करोड़ रुपये का हिसाब नहीं दे पा रही है। मरांडी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार की अनियमितताएँ और वित्तीय लापरवाही इसी तरह जारी रही, तो झारखंड गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर सकता है।
SDRF फंड का हिसाब न देने पर सरकार को घेरा
साल 2019 से अब तक राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) से खर्च किए गए ₹1300 करोड़ का कोई ब्यौरा सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया है। बाबूलाल मरांडी ने यह भी कहा कि 15वें वित्त आयोग के कार्यकाल के समाप्त होने से पहले भारत सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने डाटा को एनडीएमआईएस पोर्टल पर अपडेट करें। झारखंड सरकार पर लगाए गए इस वित्तीय दबाव के बाद अब यह देखना होगा कि सरकार जनता को इस राशि के खर्च का सही ब्यौरा कब प्रस्तुत करती है।
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