RANCHI: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर धार्मिक पक्षपात का गंभीर आरोप लगाया है। सिमडेगा जिला प्रशासन द्वारा चर्चों की सुरक्षा को लेकर आयोजित की जा रही बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ईसाई मिशनरियों और मतांतरण कराने वाले गिरोहों को संरक्षण दे रही है।
उन्होंने कहा कि झारखंड में पिछले कुछ वर्षों में संताल समुदाय के जाहिर थान, मांझी थान, सरना स्थल, मसना भूमि और हड़गड़ी जैसे आदिवासी धार्मिक स्थलों पर लगातार अतिक्रमण हुए हैं। इन स्थलों की सुरक्षा को लेकर स्थानीय लोग अनेक बार आंदोलन कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने कभी उनकी चिंता नहीं की। उन्होंने मंदिरों पर हुए बम हमलों, पथराव और मूर्ति क्षति की घटनाओं का भी जिक्र किया और पूछा कि क्या इन मामलों पर सरकार ने कभी धर्मगुरुओं के साथ बैठक बुलाई?
जिलाधिकारी कर रहे बैठक
उन्होंने सवाल उठाया कि सिमडेगा में चर्चों की सुरक्षा को लेकर डीसी, एसपी और अन्य अधिकारी बैठक कर रहे हैं। लेकिन अन्य धर्मस्थलों की सुरक्षा पर कोई चर्चा नहीं होती। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम उन संगठनों को बल देने की तैयारी है जो चंगाई सभा के नाम पर आदिवासियों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। बाबूलाल ने दावा किया कि सिमडेगा में लगभग 51% आबादी ईसाई धर्म में परिवर्तित हो चुकी है और इसके पीछे सरकारी संरक्षण और अफसरों की भूमिका रही है।
उन्होंने मांग की कि अगर बैठक हो रही है तो उसका एजेंडा सार्वजनिक किया जाए। साथ ही सभी धर्मों और समुदायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, सरना स्थलों और आदिवासी आस्था स्थलों की सुरक्षा पर समान रूप से चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी सभी धर्मस्थलों की सुरक्षा है, न कि किसी एक समुदाय को विशेष संरक्षण देना है।