चांडिल/BABY ELEPHANT DEAD : नीमडीह के आंडा गांव में सूखे कुएं में गिरे मादा हाथी (18 साल) की माैत हाे गयी है। करीब 37 घंटे तक रेस्क्यू करने के बाद भी हाथिनी नहीं बच पाई। दोपहर करीब 2 बजे डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शाम 6 बजे मृत हथिनी के शव को कुएं से बाहर निकाला गया। शव को घटना स्थल के पास ही रखा गया है।
वन विभाग के अधिकारियाें ने बताया कि शनिवार को शव का पोस्टमार्टम(BABY ELEPHANT DEAD) किया जाएगा। फिर शव को मौके पर ही दफनाया जाएगा। विदित हाे कि बुधवार की रात करीब 10 बजे हथिनी भागने के क्रम में सूखे कुएं में गिर गई थी।
यह कुआं करीब 60 फीट गहरा था। गुरुवार सुबह पांच बजे से दो जेसीबी और दो टैक्टर के सहारे हथिनी का रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन गुरूवार काे सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद शुक्रवार काे रेस्क्यू अफियान शुरू हुआ लेकिन तब तक हथिनी मर चुकी थी।
BABY ELEPHANT DEAD : हाथिनी तक पहुंचने के लिए बनाया गया 70 फीट लंबा रास्ता:
शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे तक वन विभाग हाथिनी के करीब पहुंचा। 70 फीट लंबा और करीब 25 फीट चौड़ा रास्ता (स्लोप) दो जेसीबी की मदद से बनाया गया। एक बजे के करीब हाथिनी को बाहर निकालने का काम शुरु हुआ। उससे रस्सी से बांध जेसीबी के सहारे खींच कर बाहर निकाला जा रहा था। तब तक हथिनी जिंदा थी और वह हरकत कर रही थी। लेकिन रस्सी से ऊपर खींचने के दौरान उसकी मौत हो गई। चांडिल के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विष्णु शरण महतो ने हथिनी को मृत घोषित किया।
BABY ELEPHANT DEAD : इस लिए हुई माैत:
वन विभाग के अधिकारियाें ने बताया कि हथिनी पीछे के बल कुएं में गिरी थी। जिसकी वजह से उसके रीढ़ की हड्डी और पीछे का एक पैर भी टूट गया था। इसके साथ ही खुद को बचाने के लिए हथिनी ने अपने दोनों अगले पैर को जख्मी कर लिया था। दोनों पैर लहुलोहान थे। शनिवार को पोस्टमार्टम के दौरान हथिनी का सैंपल लिया जाएगा। मौत के सही कारणों की जांच के लिए सैंपल जांच के लिए भेजा जाएगा।
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