भुवनेश्वर: ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे (Balasore train accident) को हुए दो महीने से अधिक का समय बीत गया है। लेकिन अभी भी इसका जख्म हरा है। वहीं इस हादसे में देव दूत बन कर ट्रेन (Balasore train accident) में सवार लोगों की मदद के लिए आगे आए स्वयंसेवकों और संस्थानों के कर्मचारियों को रविवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सम्मानित किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ऐसी अप्रत्याशित आपदाओं से निपटने के लिए संकट मोचन दलों की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। क्योंकि इनके प्रयास से दुर्घना के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
सम्मानित होने वालों में ओडिशा आपदा त्वरित मोचन दल (ओडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन दल (एनडीआरएफ), एम्स-भुवनेश्वर, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं के कर्मचारियों के साथ-साथ बालासोर के कलेक्टर भी शामिल हैं।
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Balasore train accident जानिए कब हुई थी:
बालासोर (Balasore train accident) जिले के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास दो जून को तीन ट्रेनों की टक्कर में 293 लोगों की जान चली गई थी और 1,200 से अधिक घायल हो गए थे। इसके हाल के वर्षों का सबसे भीषण ट्रेन हादसा बताया गया।
अंगदान करने वालों के परिवार के सदस्यों को भी किया सम्मानित:
एक अन्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विश्व अंग दान दिवस के अवसर पर अंग दान करने वाले लोगों के परिवार के सदस्यों को ‘सूरज’ पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि अंगदान महादान है। इससे किसी को नया जीवन मिलता है।