सेंट्रल डेस्क : बलूचिस्तान में स्वतंत्रता की मांग को लेकर उग्रवादी गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ता महंरग बलोच की गिरफ्तारी के बाद से बलूचिस्तान में संघर्ष और तीव्र हो गया है। बलूचों के लॉन्ग मार्च को रोकने के प्रयासों के बावजूद, पाकिस्तान के पंजाब परस्त प्रशासन को अब बलूच उग्रवादियों ने एक और बड़ा झटका दिया है। इन उग्रवादियों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ ताजे हमलों में बड़ा नुकसान पहुंचाया है।
32 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत, 40 से ज्यादा घायल
बलूच राजी आजोई संगर (बीआरएएस) नामक एक उग्रवादी संगठन ने पिछले 24 घंटों में 72 हमलों की जिम्मेदारी ली है। संगठन के मुताबिक, इन हमलों में 32 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया गया है। इसके अलावा, 40 से ज्यादा सैनिक गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनका इलाज पाकिस्तानी सैन्य अस्पतालों में किया जा रहा है। कुछ सैनिकों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बीआरएएस ने दावा किया कि इन हमलों में पाकिस्तानी सेना की 14 गाड़ियों को नष्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही कई अन्य सैन्य उपकरण भी नुकसान में आए हैं। उग्रवादी संगठन ने इन हमलों के दौरान पाकिस्तान की सेना, सुरक्षा बलों, पुलिस चौकियों, सरकारी दफ्तरों, खुफिया एजेंसियों और आर्थिक संपत्तियों को निशाना बनाया।
राजमार्गों पर कब्जा, तुर्बत शहर में भी घेराबंदी
बीआरएएस के प्रवक्ता बलूच खान ने एक बयान में कहा कि संगठन के लड़ाकों ने बलूचिस्तान के 30 से ज्यादा प्रमुख स्थानों के राजमार्गों पर कब्जा कर लिया है। इनमें तुर्बत शहर का भी दावा किया गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। इसके अलावा, क्वेटा से कराची जाने वाले प्रमुख रास्ते पर भी अब बलूच उग्रवादियों का नियंत्रण है।
इन हमलों और कब्जों के बाद बलूचिस्तान में सुरक्षा स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। पाकिस्तान की सेना और प्रशासन इन घटनाओं को लेकर सख्त कार्रवाई करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन स्थानीय परिस्थितियों और उग्रवादी समूहों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह स्थिति और भी जटिल हो सकती है।