बाराबंकी : उत्तर प्रदेश एसटीएफ और पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बुधवार को कुख्यात बदमाश और एक लाख के इनामी ज्ञानचंद्र पासी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ बाराबंकी जिले में हुई। ज्ञानचंद्र पासी गोंडा जिले के उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र में 24 अप्रैल को हुई हत्या का वांछित आरोपी था।
हत्या के मामले में था फरार
ज्ञानचंद्र पासी पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, डकैती, लूट और गैंगस्टर एक्ट शामिल हैं। गोरखपुर जोन के एडीजी ने उसकी गिरफ्तारी पर ₹1 लाख का इनाम घोषित किया था। मंगलवार को गोंडा पुलिस ने मुठभेड़ में ज्ञानचंद्र के साथी सोनू पासी को मार गिराया था, जो इसी मामले में शामिल था।
24 अप्रैल को की गई थी युवक की हत्या
धन्नी पुरवा गांव में 24 अप्रैल को चोरी के दौरान एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना में ज्ञानचंद्र पासी, सोनू पासी और अन्य आरोपी शामिल थे। पुलिस अब तक इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब एनकाउंटर में दो मुख्य आरोपी मारे जा चुके हैं।
2002 में की थी पहली हत्या
ज्ञानचंद्र पासी का आपराधिक सफर 2002 में शुरू हुआ, जब उसने पूरे लाली गांव के लश्करी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह मामला इतना बड़ा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में चर्चा हुई थी। उसके भाई ननकू पासी को पुलिस पहले ही एक एनकाउंटर में मार चुकी है।
जेल से बाहर आकर फिर सक्रिय हुआ गैंग
2016 में उसने शिवकुमार सिंह की हत्या की और 2020 में जेल में रहते हुए फिरौती की मांग करते हुए धमकी पत्र भेजा था। 2020 में उसे गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जेल से छूटते ही उसने अपने गिरोह को फिर सक्रिय कर दिया।
40 से ज्यादा केस, पूरे प्रदेश में फैला था नेटवर्क
ज्ञानचंद्र पासी के खिलाफ परसपुर थाने सहित कई थानों में हत्या, लूट, चोरी, डकैती और गैंगस्टर एक्ट के 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अन्य जिलों को मिलाकर कुल मुकदमों की संख्या 49 है।