Beef Ban: असम सरकार के मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने बताया कि कैबिनेट बैठक में गोमांस उपभोग पर मौजूदा कानून में संशोधन कर नए प्रावधान शामिल करने का निर्णय लिया गया। अब पूरे प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थलों पर गोमांस नहीं बेचा जा सकेगा।
7 को होगा कैबिनेट विस्तार
उन्होंने कहा, पहले हमारा फैसला मंदिरों के पास गोमांस पर रोक लगाने का था। लेकिन, अब हमने इसे पूरे राज्य में विस्तारित कर दिया है। आप इसे किसी भी सामुदायिक स्थान, सार्वजनिक स्थान, होटल या रेस्तरां में नहीं खा पाएंगे। यह नियम सार्वजनिक समारोहों में भी लागू होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि असम कैबिनेट का विस्तार सात दिसंबर को दोपहर 12 बजे होगा।
असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि मैं असम कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि या तो वे गोमांस प्रतिबंध का स्वागत करे या फिर पाकिस्तान जाकर बस जाए। दरांग-उदलगुरी से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया है। कहा कि जनता भी यही चाहती थी। इस फैसले को सांप्रदायिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि धार्मिक आस्था के प्रति सम्मान के तौर पर देखा जाना चाहिए। क्योंकि निजी तौर पर गोमांस खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
गोवा में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती भाजपा: एआईयूडीएफ
वहीं, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक और पार्टी महासचिव डॉ. हाफिज रफीकुल इस्लाम ने कहा कि कैबिनेट को यह तय नहीं करना चाहिए कि लोग क्या खाएंगे या क्या पहनेंगे? भाजपा गोवा में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती, वे पूर्वोत्तर राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, फिर असम में क्यों? वैसे भी हमारा इस निर्णय पर अधिक ध्यान नहीं है।
Beef Ban: कांग्रेस और जदयू ने भी दी प्रतिक्रिया
असम सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस और जदयू ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। जदयू ने कहा, इस फैसले से समाज में तनाव बढ़ेगा। केंद्र और बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा, भारत का संविधान सबको खाने-पीने की आजादी देता है। होटल या सार्वजनिक स्थान पर बीफ बैन का हम समर्थन नहीं करते।। इससे समाज में तनाव फैलेगा, जो पहले से ही काफी ज्यादा ह
उधर, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने राज्य में बीफ बैन पर कहा कि झारखंड में भाजपा की अपमानजनक हार का नेतृत्व करने के बाद असम के मुख्यमंत्री अपनी विफलता को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। झारखंड की समझदार जनता की तरह असम की जनता भी अगले चुनाव में असम के भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार, कुशासन और अवैध संपत्ति की सजा देगी।
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