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Bhopal Gas Tragedy waste disposal: भोपाल के टॉक्सिक कचरे का पीथमपुर में निस्तारण मामले में दो युवकों ने लगाई आग

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अदालत के निर्देशों के बावजूद भोपाल में यूनियन कार्बाइड स्थल को खाली नहीं कराने पर अधिकारियों को तीन दिसंबर को फटकार लगाई थी।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्कः भारत के संविधान ने सभी को अपनी असहमति पर विरोध प्रकट करने का अधिकार दिया है, लेकिन सुरक्षित तरीके से। मध्यप्रदेश के पीथमपुर में भोपाल के यूनियन कार्बाइड के 337 टन कचरे के नियोजित निपटान के खिलाफ बंद का आहवान किया गया था। इस दौरान शुक्रवार को दो व्यक्तियों ने विरोध स्वरूप खुद को आग लगा लिया। आग लगाने वाले दो व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक धार जिले में टॉक्सिक वेस्ट के निस्तारण के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान दो लोगों ने अपने शरीर पर कुछ तरल पदार्थ डालकर आग लगा ली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दोनों युवकों की उम्र करीब 40 साल है और उन्हें इंदौर से करीब 30 किलोमीटर दूर पीथमपुर के एक अस्पताल ले जाया गया।

स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है

उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है। फिलहाल दोनों खतरे से बाहर है। धार के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने पीथमपुर बस स्टैंड के पास प्रदर्शन स्थल से फोन पर मीडिया को बताया, ”स्थिति अब नियंत्रण में है लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है। उन्होंने बताया कि शहर के अन्य स्थानों पर भी प्रदर्शन किए गए।

प्रदर्शन के दौरान दुकानें और बाजार बंद रहें

पीथमपुर बचाओ समिति द्वारा बंद के बीच शहर में दुकानें और बाजार बंद रहे। प्रदशर्न कर रहे लोगों का दावा है कि क्षेत्र में कार्बाइड कचरे को जलाने की योजना से स्थानीय लोगों और पर्यावरण को नुकसान हो सकता है। पीथमपुर की आबादी लगभग 1.75 लाख है और यहां के औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 700 कारखाने हैं।

2-3 दिसंबर 1984 की रात हुए भोपाल गैस कांड में 5,489 लोगों की जाने गई औऱ लाखों लोग गंभीर बीमारियों और विकलांगता का शिकार हुए। इस हादसे में मिथाइल आइसोसाइनाइट नाम की गैस लीक हुई थी। अब इस वीभत्स हादसे के 40 साल बाद 377 मिट्रिक टन जहरीले कचरे को हटाने का काम शुरू किया गया है।

इस कचरे को 250 किलोमीटर दूर इंदौर से सटे पीथमपुर भेजा जा रहा है, जहां इस कचरे को साइंटिफिकली डिस्पोज किया जाएगा। सुरक्षा के लिहाज से इस कचरे को पीथमपुर तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है। इस काम में 100 से अधिक पुलिसकर्मी, विशेषज्ञ और 300 कर्मचारी इस काम में जुटे हुए है।

विरोध में भूख हड़ताल पर बैठे लोग

बस स्टैंड पर गुरुवार से भूख हड़ताल कर रहे संदीप रघुवंशी ने कहा कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निस्तारण के खिलाफ उनके प्रदर्शन को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने उनका समर्थन किया है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने अदालत के निर्देशों के बावजूद भोपाल में यूनियन कार्बाइड स्थल को खाली नहीं कराने पर अधिकारियों को तीन दिसंबर को फटकार लगाई थी।

कोर्ट ने कचरे को स्थानांतरित करने के लिए चार सप्ताह की समय सीमा निर्धारित की थी, उच्च न्यायालय ने सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर उसके निर्देश का पालन नहीं किया गया तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।

मोहन भागवत ने कहा, राजनीति नहीं की जानी चाहिए

इस बीच, पीथमपुर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किए गए है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि कचरे में 60 प्रतिशत मिट्टी और 40 प्रतिशत नेफ्थॉल शामिल थे जिनका उपयोग कीटनाशक मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) बनाने के लिए किया जाता था।

प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने दावा किया है कि इस कचरे के निस्तारण से पीथमपुर और इंदौर के लोगों में कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

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