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सुकमा में नक्सलियों का बड़ा मंसूबा नाकाम, 10 किलो का IED बरामद

सीआरपीएफ (Central Reserve Police Force) और जिला पुलिस के संयुक्त दल ने इस विस्फोटक को बरामद किया। यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षाबल सड़क पर बिछाई गई बारूदी सुरंगों को हटाने का काम कर रहे थे

by Anurag Ranjan
IED बरामद
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छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस जवानों ने नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक 10 किलो
वजनी आईईडी (Improvised Explosive Device) को बरामद किया है। यह विस्फोटक उपकरण सुकमा के कोंटा-गोलापल्ली मार्ग पर स्थित बेलपोच्चा गांव के पास पाया गया, जहां सुरक्षाबलों की टीम ने सड़क पर बिछाए गए विस्फोटकों की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि इस विस्फोटक की बरामदगी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद हुई, जब बीजापुर जिले में एक और बड़े हमले में आठ सुरक्षाकर्मी और एक चालक की जान चली गई थी।

आईईडी का मंसूबा विफल, बड़ी घटना टली

सीआरपीएफ (Central Reserve Police Force) और जिला पुलिस के संयुक्त दल ने इस विस्फोटक को बरामद किया। यह घटना उस समय हुई जब सुरक्षाबल सड़क पर बिछाई गई बारूदी सुरंगों को हटाने का काम कर रहे थे। अचानक एक 10 किलो वजनी आईईडी सुरक्षाकर्मियों की नजर में आया, जिसे उन्होंने तुरंत निष्क्रिय कर दिया। इस दौरान बड़ा हादसा टल गया, जिससे इलाके में मौजूद सुरक्षाकर्मियों और आम नागरिकों की जान बच गई। इस बरामदगी से यह साबित होता है कि नक्सली सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए लगातार खतरे उत्पन्न कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की सतर्कता ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया।

बीजापुर में हुआ था भीषण हादसा

सुकमा जिले में आईईडी बरामद होने के अगले दिन बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बड़ा विस्फोट कर दिया था। सोमवार को बीजापुर जिले में नक्सलियों ने करीब 70 किलोग्राम वजनी बारूदी सुरंग का इस्तेमाल किया था, जिससे एक पुलिस वाहन को उड़ा दिया गया। इस विस्फोट में आठ सुरक्षाकर्मी और वाहन चालक की जान चली गई थी। यह हमला सुरक्षाबलों के लिए एक झटका था, और इसकी भयावहता को लेकर पूरे राज्य में गुस्सा और चिंता फैल गई थी।

बीजापुर में हुए इस हमले के बाद, सीआरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए करीब 20-22 किलोग्राम वजनी एक और आईईडी को बरामद कर उसे निष्क्रिय किया। एक वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि यह एक बड़ी त्रासदी थी जिसे टाल दिया गया। अगर इस आईईडी को नहीं पकड़ा जाता तो बीजापुर में हुई घटना की तरह और भी बड़े नुकसान की संभावना थी।

नक्सलियों के मंसूबों को नाकाम करने की लगातार कोशिश

छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र नक्सलवाद से प्रभावित है, और यहां सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। हालांकि, नक्सली संगठन समय-समय पर सुरक्षाबलों और स्थानीय प्रशासन को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ महीनों में, सुरक्षाबलों ने कई ऐसे बड़े विस्फोटकों को बरामद किया है, जो नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से लगाए गए थे।

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि नक्सलियों के पास बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मौजूद है, और उनका मुख्य उद्देश्य सुरक्षाबलों को निशाना बनाना है। हालांकि, सुरक्षाबल और पुलिस जवानों की सक्रियता के कारण कई बार इनके मंसूबे विफल हो जाते हैं, जैसा कि हालिया घटनाओं में देखने को मिला।

बस्तर क्षेत्र में नक्सल विरोधी अभियानों की बढ़ी चुनौतियां

बस्तर का इलाका नक्सलवाद से जूझ रहा एक संवेदनशील क्षेत्र है जहां सुरक्षाबलों के लिए चुनौतियाँ लगातार बढ़ती जा रही हैं। यहां के जंगलों और कठिन भौगोलिक स्थिति के कारण नक्सलियों को छिपने और हमले करने का एक सुरक्षित मौका मिलता है। इसके बावजूद सुरक्षाबल इस क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

हाल ही में सुकमा और बीजापुर जैसे इलाकों में हुए हमले और विस्फोटों ने यह साबित कर दिया कि नक्सलियों का खात्मा करने के लिए सुरक्षा बलों को लगातार सजग रहना होगा। वहीं, स्थानीय प्रशासन और जनता के सहयोग से नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में सफलता की उम्मीद भी बनी हुई है।

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