जमशेदपुर : विधायक सरयू राय को बड़ी राहत मिली है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता द्वारा सरयू राय के खिलाफ दायर केस को एमपी एमएलए कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बुधवार को चाईबासा स्थित स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना पैसला सुनाया और कहा है कि सारे तथ्यों को देखने के बाद कोर्ट ने यह फैसला किया है कि भारतीय दंड विधान (आइपीसी) की धारा 499/500 और अंडर सेक्शन 66 आइटी एक्ट का केस सरयू राय के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता है।
अतः इस केस को खारिज किया जाता है। कोर्ट के फैसले के बाद विधायक सरयू राय व उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली है। साथ ही इसे न्याय की जीत बताया है।
विधायक सरयू राय ने बन्ना गुप्ता पर प्रतिबंधित पिस्तौल रखने का लगाया था आरोप, जिसके बाद दर्ज हुआ था केस :
विदित हो कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने पिछले दिनों पश्चिम सिंहभूम के चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए न्यायालय में जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था। सरयू राय ने बन्ना गुप्ता पर यह आरोप लगाया था कि मंत्री प्रतिबंधित पिस्तौल रखते है और इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस आरोप को झूठा बताते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता ने विधायक सरयू राय के खिलाफ केस दायर किया था, जिसमें यह कहा गया था कि बिना किसी प्रमाण के विधायक सरयू राय ने मेरी छवि को खराब किया है और उनके चरित्र का हनन कर मानहानि हनन कर उन्हें समाज में बदनाम किया है। मंत्री बन्ना गुप्ता की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा के माध्यम से एक नोटिस भी सरयू राय को भेजा गया था।
नोटिस के जवाब में सरयू राय ने यह कहा था :
मंत्री बन्ना गुप्ता के वकील द्वारा मानहानि केस में नोटिस भेजे जाने पर विधायक सरयू राय ने कहा था कि यह नोटिस कूड़ादान में डालने लायक है और वे ऐसे नोटिस से नहीं डरने वाले हैं इसके बाद कोर्ट में यह केस चलाया गया, लेकिन अब केस खारिज कर दिया गया। इस मामले में न्यायिक पदाधिकारी ऋषि कुमार के समक्ष स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का बयान दर्ज कराया गया था। साथ ही तथ्य भी प्रस्तुत कर दिये गया थे।