तेलंगाना : मुलुगु जिले में सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता मिली है। यहां पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में सात माओवादी मारे गए हैं। यह मुठभेड़ राज्य के तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित एतुरुनगरम वन क्षेत्र में हुई। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पूरे इलाके को सुरक्षाबलों ने घेर लिया है और एक सर्च ऑपरेशन जारी रखते हुए अन्य संभावित माओवादियों के धरपकड़ की कोशिश की जा रही है।
मारे गए माओवादियों में प्रमुख नेता पपन्ना भी शामिल
मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों में प्रमुख नेता भी शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, मरने वालों में इल्लांडू नरसंपेट एरिया कमेटी के सचिव भद्रू उर्फ पपन्ना का नाम भी शामिल है। यह मुठभेड़ ऐसे समय में हुई है जब सुरक्षाबल माओवादी गतिविधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। मारे गए माओवादियों की पहचान कुरुसम मंगू उर्फ भद्रू उर्फ पपन्ना (35), एगोलापु मल्लया उर्फ मधु (43), मुसकी देवल उर्फ करुणाकर (22), मुसकी जमुना (23), जयसिंह (25), किशोर (22) और कामेश (23) के रूप में हुई है।
माओवादियों के खिलाफ लगातार चल रही कार्रवाई
यह मुठभेड़ तेलंगाना में माओवादी गतिविधियों पर सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई का हिस्सा है। इससे पहले सितंबर में तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में हुई एक मुठभेड़ में छह माओवादी मारे गए थे। उस मुठभेड़ में भी सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किया था, जिसमें दो AK-47 राइफल और एक इंसास राइफल शामिल थी। माओवादी नेताओं के खिलाफ सुरक्षाबलों की कार्रवाई छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार जारी है। इस क्षेत्र में माओवादियों के खिलाफ विशेष ऑपरेशनों के तहत कई मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जिसमें माओवादी नेतृत्व को भी निशाना बनाया गया है।
छत्तीसगढ़ में भी जारी मुठभेड़ों का सिलसिला
छत्तीसगढ़ में भी नक्सल विरोधी ऑपरेशनों में कई बड़ी सफलताएं मिली हैं। नवंबर में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के भेज्जी के जंगलों में सुरक्षाबलों ने 10 नक्सलियों को मार गिराया था। इससे पहले, नवंबर के अंत में कांकेर और नारायणपुर जिलों में भी माओवादियों के खिलाफ बड़ी मुठभेड़ों में नक्सलियों की भारी संख्या में मौत हुई थी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने माओवादी ठिकानों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया था।
मारी जा चुकी हैं कई महिला नक्सली भी
इन मुठभेड़ों के दौरान, नक्सली संगठनों द्वारा महिलाओं को भी अपना हिस्सा बनाया गया है। खासकर, महिला नक्सलियों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। इस साल के दौरान कई मुठभेड़ों में महिला नक्सलियों के मारे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। 31 अगस्त को नारायणपुर मुठभेड़ में 3 महिला नक्सली मारे गए, जबकि 3 सितंबर को दंतेवाड़ा में 9 नक्सलियों के मारे जाने में 6 महिलाएं शामिल थीं।
नक्सली नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई
यह मुठभेड़ सुरक्षा बलों के लिए न केवल माओवादी नेटवर्क को कमजोर करने का एक तरीका है, बल्कि इससे यह भी संदेश जाता है कि सरकार और सुरक्षाबल इस दिशा में किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतेंगे। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई माओवादी नेटवर्क के खिलाफ एक व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें माओवादी प्रमुखों और उनके ठिकानों का खात्मा किया जा रहा है। इन ऑपरेशनों का उद्देश्य नक्सलियों के हिंसक विरोध और आतंकवाद को समाप्त करना है, ताकि इन क्षेत्रों में सामान्य जीवन को बहाल किया जा सके।
लगातार कमजोर पड़ रहे माओवादी
तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षाबलों की यह सख्त कार्रवाई यह दर्शाती है कि माओवादी नेटवर्क पर सख्त नकेल कसने का सिलसिला जारी है। इन मुठभेड़ों से न केवल माओवादियों को नुकसान हो रहा है, बल्कि सुरक्षाबल भी अपनी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं। आगामी दिनों में, इन क्षेत्रों में माओवादियों के खिलाफ इस प्रकार की और मुठभेड़ों की संभावना जताई जा रही है, ताकि इस हिंसक आंदोलन को समाप्त किया जा सके।
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