पटना : पटना में गुरुवार को आयोजित बिहार बंद के दौरान एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया। महागठबंधन के मंच पर जब सांसद पप्पू यादव और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, तब उन्हें राहुल गांधी की सुरक्षा टीम ने रोक दिया। यह मंच एक खुला ट्रक था, जिस पर राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पहले से सवार थे।
SPG सुरक्षाकर्मियों ने मंच पर चढ़ने से रोका
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब पप्पू यादव मंच पर चढ़ने लगे, तो SPG सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें हाथ के इशारे से रोक दिया। उसी दौरान कन्हैया कुमार भी मंच के पास मौजूद थे, लेकिन उन्हें भी चढ़ने नहीं दिया गया। रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि कन्हैया थोड़ी देर के लिए मंच पर चढ़े जरूर थे, लेकिन उन्हें वापस नीचे उतार दिया गया। इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की भी देखने को मिली।
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मंच पर दिखे साथ
बिहार में मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण के खिलाफ महागठबंधन ने बिहार बंद का आह्वान किया था। इसी कड़ी में राहुल गांधी गुरुवार को पटना पहुंचे। वे तेजस्वी यादव के साथ एक ओपन ट्रक मंच पर सवार होकर बंद का समर्थन करते नजर आए। मंच पर कुछ अन्य गठबंधन नेताओं को चढ़ने की अनुमति दी गई, लेकिन पप्पू और कन्हैया को रोकना सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया।
क्या गठबंधन में बढ़ रही है अंदरूनी खींचतान?
कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने बिहार में सक्रिय किया है, लेकिन आरजेडी की ओर से उन्हें पूरा समर्थन नहीं मिल पा रहा है। मार्च 2024 में उनकी “नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा” को आरजेडी ने खास तवज्जो नहीं दी थी। तेजस्वी यादव की उपस्थिति में उन्हें मंच से रोका जाना गठबंधन में असहजता को दर्शाता है।
पप्पू यादव की जीत और आरजेडी से दूरी
पप्पू यादव, जो पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के करीबी माने जाते थे, अब आरजेडी से दूर हैं। 2024 लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से टिकट मांगा था, लेकिन तेजस्वी यादव की आपत्ति के कारण आरजेडी ने बीमा भारती को टिकट दिया। पप्पू ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। मंच से रोके जाने की घटना को इसी राजनीतिक समीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है।
वायरल हुआ मंच से रोके जाने का वीडियो
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सुरक्षाकर्मी पप्पू यादव और कन्हैया कुमार को मंच पर चढ़ने से रोकते नजर आ रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि महागठबंधन की एकता पर अब सवाल उठने लगे हैं।
आगामी चुनाव से पहले संदेश साफ
बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में यह घटना एक राजनीतिक संकेत के तौर पर देखी जा रही है। मंच पर कुछ नेताओं को चढ़ने देना और कुछ को रोकना, गठबंधन की रणनीति और प्राथमिकताओं को उजागर करता है।