गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज जिले के रामपुर खुर्द गांव में शुक्रवार की मध्य रात्रि बिहार पुलिस और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मोस्ट वांटेड अपराधी मनीष यादव को मुठभेड़ में मार गिराया। इस एनकाउंटर में एक एसटीएफ जवान भी गोली लगने से घायल हुआ है।। घायल जवान को तत्काल सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी स्थिति अब खतरे से बाहर बताई जा रही है।
50 हजार रुपये का इनामी था कुख्यात मनीष यादव
मनीष यादव पर पुलिस ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। वह गोपालगंज जिले के ऊंचकागांव थाना क्षेत्र के भगवान टोला गांव का निवासी था। मनीष यादव पूर्व मुखिया अरविंद यादव हत्याकांड का मुख्य आरोपी था। इसके अलावा, उस पर गोपालगंज जिले में कई हत्या और संगीन आपराधिक मामलों में शामिल होने के आरोप थे। मुखिया अरविंद यादव की हत्या के बाद पुलिस ने उस पर इनाम घोषित किया था।
‘बाबू गैंग’ का लीडर था मनीष यादव
मनीष यादव ने अपने आपराधिक कारनामों को अंजाम देने के लिए ‘बाबू गैंग’ नाम से एक गैंग बनाया था। इस गैंग ने कई लूट और डकैती जैसी घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस ने ‘बाबू गैंग’ के कई सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, मनीष यादव हर बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाता था। पुलिस को लंबे समय से इस गैंग के लीडर की तलाश थी।
पुख्ता सूचना के आधार पर हुई नाकेबंदी
पुलिस को सूचना मिली थी कि मनीष यादव रामपुर खुर्द गांव में मौजूद है। इसके बाद पुलिस और एसटीएफ की टीम ने इलाके में सख्त नाकेबंदी कर दी। गिरफ्तारी के दौरान मनीष यादव ने पुलिस पर गोलियां चलाईं, जिसके जवाब में पुलिस ने भी कार्रवाई की। इस मुठभेड़ में मनीष यादव मारा गया।
घायल एसटीएफ जवान खतरे से बाहर
इस मुठभेड़ में एक एसटीएफ जवान को गोली लगी, जिसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
अपराध पर बड़ी चोट
मनीष यादव के मारे जाने को पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। बिहार पुलिस ने अपराध और संगठित गिरोहों पर शिकंजा कसने के लिए इस कार्रवाई को महत्वपूर्ण बताया है। मनीष यादव की मौत के बाद ‘बाबू गैंग’ का आतंक भी खत्म होने की उम्मीद है।