Patna (Bihar): बिहार के पटना जिले के मोकामा स्थित एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील खाने के बाद एक भयावह घटना सामने आई है। कथित तौर पर इस भोजन में एक मरा हुआ सांप पाया गया, जिसे निकालने के बाद वही खाना मासूम बच्चों को परोस दिया गया। इस घोर लापरवाही के चलते 100 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई है, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है।
NHRC ने लिया स्वतः संज्ञान, मांगी विस्तृत रिपोर्ट
इस गंभीर मामले की जांच अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) कर रहा है। आयोग ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर इस घटना का स्वतः संज्ञान लिया है। NHRC ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और पुलिस से इस शर्मनाक घटना पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
रोंगटे खड़े करने वाली लापरवाही, मृत सांप निकालकर परोसा खाना
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने बयान में कहा, “बताया गया है कि खाना पकाने वाले कर्मचारी ने मिड-डे मील से एक मृत सांप को निकालकर उसी भोजन को बच्चों को परोस दिया। इसके बाद स्कूल के 100 से अधिक बच्चे गंभीर रूप से बीमार हो गए।” यह घटना पिछले सप्ताह मोकामा के एक सरकारी स्कूल में हुई, जो बिहार के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार है। घटना के बाद आक्रोशित बच्चों के परिजनों ने सड़क जाम कर जमकर प्रदर्शन किया और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की।
बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी भी मांगी
मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार और पुलिस को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि उनकी रिपोर्ट में बीमार बच्चों के स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति की विस्तृत जानकारी भी शामिल होनी चाहिए। आयोग ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर यह रिपोर्ट सही पाई जाती है, तो यह बच्चों के मानवाधिकारों का एक गंभीर और अक्षम्य उल्लंघन का मामला होगा।”
मिड-डे मील की गुणवत्ता पर फिर उठे सवाल
यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना बिहार में मिड-डे मील योजना से जुड़ी लापरवाही का कोई पहला मामला नहीं है। वर्ष 2013 में बिहार के सारण जिले में मिड-डे मील में जहरीला कीटनाशक मिलने से 23 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। उस भयावह घटना के बाद केंद्र सरकार ने स्कूलों में भोजन की गुणवत्ता और निगरानी को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए थे, लेकिन ताजा घटना दर्शाती है कि जमीनी स्तर पर इन निर्देशों का पालन किस हद तक किया जा रहा है।


