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तेज प्रताप यादव: विवादों का दूसरा नाम? जानिए उनसे जुड़ी विवादों की पूरी कहानी, राजनीति से रिश्तों तक…

तेज प्रताप यादव, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे, अक्सर अपने बयानों, व्यवहार और निजी जीवन को लेकर विवादों में रहे हैं।

by Neha Verma
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तेज प्रताप यादव ने 2015 में महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा में प्रवेश किया। इसके बाद, उन्हें बिहार सरकार में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री बनाया गया। 2020 में, उन्होंने हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विजयी हुए।

अनुष्का यादव विवाद (मई 2025)

मई 2025 में तेज प्रताप यादव ने अपने फेसबुक पर अनुष्का यादव नाम की लड़की के साथ फोटो पोस्ट की और दावा किया कि वह पिछले 12 सालों से उनके साथ हैं। उन्होंने लिखा: ‘प्यार किया तो डरना क्या? ये है मेरी अन्नू रानी… 12 साल का रिश्ता है।’इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कुछ घंटे बाद तेज प्रताप ने दावा किया कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था। लेकिन इससे पहले ही यह पोस्ट वायरल हो चुकी थी और पार्टी की छवि को नुकसान हुआ। इसके बाद लालू यादव ने तेज प्रताप को RJD से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया।

पत्नी ऐश्वर्या राय से विवाद (2018–2021)

तेज प्रताप ने 2018 में ऐश्वर्या राय (राजद नेता चंद्रिका राय की बेटी) से शादी की थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही दोनों के बीच मतभेद उभरने लगे। तेज प्रताप ने तलाक की अर्जी दी और ऐश्वर्या ने उन पर घरेलू हिंसा और ड्रग्स के इस्तेमाल जैसे गंभीर आरोप लगाए। यह विवाद लंबे समय तक मीडिया की सुर्खियों में रहा।

राजद नेताओं से मतभेद

तेज प्रताप कई बार राजद के वरिष्ठ नेताओं और अपने भाई तेजस्वी यादव से नाराजगी जताते रहे हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया जाता है और तेजस्वी को विशेष महत्व दिया जाता है। कुछ मौकों पर उन्होंने खुद को “कृष्ण” और तेजस्वी को “अर्जुन” बताया, जिससे पार्टी में भ्रम और विवाद पैदा हुए।

धार्मिक रूपांतरण, वेशभूषा और बयानबाजी

तेज प्रताप धार्मिक झुकाव के लिए भी चर्चित हैं। वे भगवान शिव और कृष्ण के वेश में सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आ चुके हैं। उन्होंने खुद को “शिव का अवतार” कहकर विवाद खड़ा किया था। इस प्रकार की बयानबाजी ने अक्सर उनकी राजनीतिक गंभीरता पर सवाल खड़े किए हैं।

मंत्री रहते विवाद

2015 में जब वे बिहार सरकार में पर्यावरण मंत्री बने, तब उनकी शैक्षणिक योग्यता (सिर्फ 12वीं पास) को लेकर आलोचना हुई।मंत्री रहते हुए उन्होंने अपनी ड्यूटी में ढिलाई, मीडिया से टकराव और अजीबोगरीब बयान दिए, जिससे सरकार की छवि प्रभावित हुई।

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