पटना : बिहार में प्रदूषण का स्तर लगातार चिंता का विषय बनता जा रहा है और अब यह समस्या गंभीर रूप से कई शहरों में महसूस की जा रही है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर ने न केवल राजधानी पटना को, बल्कि नालंदा जिले के मुख्यालय बिहारशरीफ को भी प्रभावित किया है। वर्तमान में बिहारशरीफ का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुका है, जो इसे भारत के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल कर रहा है।
बिहारशरीफ का AQI बढ़कर 270 के पार
हालांकि पटना के कई इलाकों में AQI लगभग 260 के आसपास है, वहीं बिहारशरीफ में यह आंकड़ा 270 को पार कर गया है। इससे यह शहर दिल्ली के प्रदूषण के स्तर के करीब पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है। दिल्ली में सोमवार को औसत AQI 350 के करीब था, जो सामान्य तौर पर बेहद खतरनाक माना जाता है। अगर यही स्थिति रही, तो बिहारशरीफ जल्द ही दिल्ली के प्रदूषण स्तर के बराबर हो सकता है।
ठंड के मौसम में प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ गई है। एक सप्ताह से बिहारशरीफ का औसत AQI सुबह के समय 250 के आसपास बना हुआ है। खासकर सुबह के समय, कुहासा और ठंड के कारण प्रदूषण का स्तर और भी बढ़ जाता है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा है। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण आने वाले दिनों में स्वास्थ्य पर भी इसका गंभीर असर हो सकता है।
प्रदूषण के कारणों में पराली जलाना और निर्माण कार्य
बिहारशरीफ के प्रदूषण के कारणों पर गौर किया जाए तो पराली जलाना और कूड़ा जलाने जैसी गतिविधियां मुख्य कारण बन रही हैं। जैसे ही धान की कटाई समाप्त होती है, खेतों में पराली जलाने की समस्या भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, निर्माण कार्यों के दौरान उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण में योगदान करती है।
यहां यह हैरान करने वाली बात है कि बिहारशरीफ में कोई बड़ा उद्योग या फैक्ट्री नहीं है, फिर भी प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा, पराली जलाने की घटना के बारे में प्रशासन को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल रही है।
प्रशासन की ओर से जागरुकता अभियान
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर प्रशासन ने हाल ही में चेतावनी जारी की थी कि पराली जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों को जागरूक किया जाए। हालांकि, 9 विभागों की योजना के बावजूद, यह अभियान सही तरीके से काम नहीं कर सका, और प्रदूषण कम करने में कोई ठोस परिणाम नहीं दिखाई दे रहे हैं।
इस बीच, कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि पराली जलाने वाले किसानों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जहां भी पराली जलाने की शिकायत मिल रही है, वहां प्रशासन द्वारा जांच की जाएगी। इसके साथ ही, डीबीटी पोर्टल से किसानों का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें 3 साल तक कृषि लाभ से वंचित करने की कार्रवाई की जाएगी, ताकि उन्हें इस प्रथा को रोकने के लिए मजबूर किया जा सके।
स्वास्थ्य पर हो सकता है गंभीर असर
बिहारशरीफ में बढ़ते प्रदूषण का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। प्रदूषण के कारण सांस की समस्या, अस्थमा और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। जब तक प्रशासन और आम लोग मिलकर इस समस्या का समाधान नहीं निकालते, तब तक यह संकट और भी गहरा सकता है।
क्या होगा अगला कदम
बिहारशरीफ में बढ़ते प्रदूषण की समस्या का समाधान जल्द से जल्द ढूंढना आवश्यक है। इसके लिए प्रशासन को गंभीर कदम उठाने होंगे, जैसे कि पराली जलाने पर सख्त कार्रवाई, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल को नियंत्रित करना और प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल। इसके अलावा, लोगों को इस बात के लिए जागरूक करना होगा कि वे अपनी जिम्मेदारी समझें और प्रदूषण को बढ़ने से रोकने में प्रशासन की मदद करें।
अंततः यह कहना सही होगा कि बिहारशरीफ और अन्य जिलों में प्रदूषण का स्तर यदि इसी तरह बढ़ता रहा, तो इसका स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ेगा और इससे बचने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है।