जमशेदपुर : BJP Worker Burnet Effigy Jharkhand government : भाजपा, जमशेदपुर महानगर के अंतर्गत शनिवार को विभिन्न मंडलों के थाना के समक्ष भाजपा कार्यकर्ताओं ने रांची में कार्यकर्ताओं पर हुई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई के विरोध में झारखंड सरकार का पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया।
इस मौके पर जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि भाजयुमो झारखंड प्रदेश के आह्वान पर शुक्रवार को राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में युवा आक्रोश रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं पर सरकार द्वारा पुलिसिया कार्रवाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। राजधानी रांची में हुए कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण की गई कार्रवाई जैसे आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट, वाटर कैनन एवं लाठीचार्ज से पूरे प्रदेश के कार्यकर्ताओं में आक्रोश व्याप्त है।
भाजपा, जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा के नेतृत्व में बिष्टुपुर, कदमा, सोनारी, साकची पश्चिमी, साकची पूर्वी, सीतारामडेरा, गोलमुरी, बिरसानगर, बारीडीह, टेल्को, बर्मामाइंस मंडल के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तानाशाही रवैया अपनाने एवं लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए एसएसपी कार्यालय के समक्ष झारखंड सरकार का पुतला दहन किया।
BJP Worker Burnet Effigy Jharkhand government : खूब लगे सरकार विरोधी नारे
भाजपा कार्यकर्ताओं ने साकची स्थित जिला कार्यालय से जुलूस की शक्ल में हाथों में पुतला लिए झारखंड सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी ‘हेमंत सोरेन मुर्दाबाद’ , ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘जब-जब सरकार डरती है, पुलिस को आगे करती है’ , ‘गोली बंदूक की सरकार, नहीं चलेगी-नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाकर विरोध दर्ज कराया। इसके अलावा कुल 6 थानों के समक्ष कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में पुतला दहन कर आक्रोश व्यक्त किया गया, जिसमें परसुडीह, सुंदरनगर, बागबेड़ा, घाघीडीह, जुगसलाई, गोविंदपुर, घोड़ाबांधा, पोटका, कोवाली, आसनबनी, मानगो, उलीडीह, आजादनगर, एमजीएम, पटमदा, कमलपुर, बोड़ाम मंडल शामिल हैं। कार्यकर्ताओं ने हेमंत सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को बर्बरतापूर्ण तरीके से कुचलने का आरोप लगाया।
BJP Worker Burnet Effigy Jharkhand government : भाजपा के प्रदर्शन से डर गई राज्य सरकार : सुधांशु ओझा
इस अवसर पर भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार अपने पिछले साढ़े चार वर्षों के कुशासन, झूठे आश्वासन, वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार से उपजी जनता के आक्रोश और युवा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से डरी और सहमी हुई है। उन्होंने कहा कि पहले भी कई रैली और प्रदर्शन राज्य में हुए हैं, लेकिन कल रांची जाने के क्रम में जांच और सुरक्षा के नाम पर जिस प्रकार का रवैया पुलिस प्रशासन का दिखा, उससे तो यह साफ तौर पर प्रतीत हो रहा था कि प्रशासन झामुमो-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रहा है। उन्होंने कहा कि झामुमो-कांग्रेस की महागठबंधन सरकार लाठी और गोली-बंदूक के दम पर जनभावनाओं को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार जनता और युवाओं का विश्वास खो चुकी है। यही वजह है कि शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस को आगे कर हिंसा का सहारा लिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर जिस बर्बरता से कार्रवाई की गई वो लोकतंत्र में काला अध्याय की भांति है। मौजूदा हेमंत सोरेन सरकार को उनकी तानाशाही, वादाखिलाफी, भ्रष्टाचार, बिचौलियों के मददगार, खनिज संपदाओं की लूट और तुष्टिकरण के लिए याद किया जाएगा। हमारा संघर्ष सरकार के इसी व्यवस्था के खिलाफ है। इस पुलिसिया कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि गठबंधन सरकार का लोकतंत्र में विश्वास केवल दिखावा है।
BJP Worker Burnet Effigy Jharkhand government :इनकी रही उपस्थिति
इस दौरान भाजपा के प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, पूर्व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर मिश्रा, बिनोद सिंह, राजकुमार श्रीवास्तव, दिनेश कुमार, जटाशंकर पांडेय, संजीव सिन्हा, प्रदीप महतो, राजीव सिंह, रेणु शर्मा, प्रदीप बेसरा, अनिल मोदी, संजीव सिंह, पप्पू सिंह, जितेंद्र राय, सुबोध झा, प्रेम झा, अखिल सिंह, बिनोद सिंह, कौस्तव रॉय, उज्ज्वल सिंह, अमित अग्रवाल, नीतीश कुमार, मुचिराम बाउरी, सागर राय, नीलू मछुआ, अजय श्रीवास्तव, अप्पा राव, अमरेंद्र मल्लिक, अशोक दुबे, केपी सिंह, मंडल अध्यक्ष युवराज सिंह, सुरेश शर्मा, जीवन लाल, बबलू गोप विकास शर्मा, सूरज कुमार सिंह, पप्पू उपाध्याय, संजय तिवारी, अजीत कुमार सिंह, प्रशांत पोद्दार, बजरंगी पांडेय, बिनोद राय, रविंद्र सिंह सिसोदिया, फातिमा शाहीन, अश्विनी तिवारी, आनंद कुमार, अमित कुमार मिश्रा, रबिंद्रनाथ सरदार, हलधर दास, सुदीप कुमार डे, हेमेंद्र जैन हन्नु, त्रिदेव चट्टराज, दीपक पाल, पवन सिंह, सूरज कुमार साह, शांतनु मुखर्जी, बासुदेव मंडल, प्रधान महतो, अमिताभ सेनापति, चंदन चौबे, अभिमन्यु सिंह, शशांक शेखर, प्रोबिर चटर्जी राणा, दीपक झा, रमेश विश्वकर्मा, सन्नी संघी, चिंटू सिंह समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।