चतरा : झारखंड के चतरा जिले में कान्यकुब्ज ज्योतिषी ब्राह्मण समाज ने अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को जोरदार शंखनाद किया। सैकड़ों की संख्या में समाज के प्रतिनिधियों ने जिला मुख्यालय में पदयात्रा की और समाहरणालय तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व समाज के जिला अध्यक्ष संजय पांडेय, संरक्षक कृष्णदेव पांडेय और सचिव राजन पांडे के द्वारा किया गया।
प्रमुख मांगों को लेकर उपायुक्त से मिला ब्राह्मण समाज
समाज के प्रतिनिधि प्रदेश अध्यक्ष अमरेश गणक की उपस्थिति में उपायुक्त रमेश घोलप से मिले और उन्हें एक मांग पत्र सौंपा। इस पत्र में ब्राह्मण समाज ने सात प्रमुख मांगें रखी, जिनमें संस्कृत को झारखंड के सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों में अनिवार्य विषय बनाने, भगवान परशुराम जयंती पर सरकारी अवकाश घोषित करने, संस्कृत शिक्षकों और व्याख्याताओं की बहाली, और सनातन धर्म की रक्षा के लिए गीता पाठ और रामायण का पठन-पाठन विद्यालयों में शुरू करने की मांग की गई।
संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की भी उठाई मांग
इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अमरेश गणक ने कहा कि पूरे राष्ट्र में संस्कृत शिक्षा को अनिवार्य किया जाए और चतरा जिले में कर्मकांड प्रशिक्षण के लिए विप्र भवन हेतु सरकारी जमीन और भवन प्रदान किया जाए। साथ ही, उन्होंने झारखंड में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए संघर्ष जारी रखने की बात कही और इसे लेकर जिला प्रशासन से समर्थन की अपील की।
ब्राह्मण समाज की ये मांगें झारखंड के लिए महत्वपूर्ण
ब्राह्मण समाज का यह कदम झारखंड के शिक्षा, संस्कृति और सनातन धर्म की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। वे अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से निरंतर प्रयासरत हैं।
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