बिजनेस डेस्क : सरकार इस महीने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) की एक किश्त जारी करेगी और फरवरी में एक अन्य किश्त जारी की जाएगी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) में निवेश का मौका
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि एसजीबी 2023-24 शृंखला-3 इस महीने 18-22 दिसंबर को खुलेगी। शृंखला-4 के लिए 12-16 फरवरी की तारीख तय है। शृंखला-एक 19-23 जून के बीच और शृंखला-दो 11-15 सितंबर के बीच खुली थी। गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होगी, लेकिन पांच साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा।
एक सरकारी बॉन्ड है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, एक सरकारी बॉन्ड होता है। इसे डीमैट के रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। ये बॉन्ड 1 ग्राम सोने का होता है यानी 1 ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे आरबीआई की तरफ से जारी किया जाता है। ऑनलाइन अप्लाई करने और डिजिटल पेमेंट करने पर प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में क्या है खास
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में अगर आप ऑनलाइन माध्यम से निवेश करते हैं, तो आपको इश्यू प्राइस में प्रति ग्राम 50 रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। सरकार ने पहली बार इस स्कीम को नवंबर 2015 में शुरू किया था। एसजीबी में निवेश करने पर आपको प्रति वर्ष 2.50 फीसदी ब्याज दर का लाभ भी मिलता है। इस ब्याज दर का भुगतान छमाही के आधार पर होता है।
कौन-कौन लोग कर सकते हैं निवेश?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है। इस स्कीम के तहत आप कम से 1 ग्राम और अधिकतम 4 किलोग्राम तक सोना एक साल में खरीद सकते हैं। वहीं, ट्रस्ट और संस्थाएं एक साल में 20 किलो सोना खरीद सकती हैं।
जानिए कहां-कहां होगी बिक्री
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों, पेमेंट बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज जैसे, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से बेचे जाएंगे।
कितना तय किया इश्यू प्राइस?
फिलहाल, रिजर्व बैंक ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तीसरे और चौथे सीरीज को जारी करने की डेट का ही ऐलान किया है। इश्यू प्राइस आईबीजेए के आखिरी तीन दिन के सोने के औसत दाम के हिसाब से ही तय किया जाएगा। वहीं, डिजिटल मोड को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 50 रुपए प्रति ग्राम के हिसाब से छूट देने का फैसला किया है। परंपरागत सोने की मांग कम करने और घरेलू बचत के एक हिस्से के तौर पर गोल्ड बॉन्ड की बिक्री सबसे पहले नवंबर, 2015 में शुरू की गई थी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड 8 साल की होगी, लेकिन 5 साल पूरा होने पर इससे निकलने का विकल्प होगा।
बीते 8 साल में कुल 128.5% का रिटर्न
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond Scheme) की पहली सीरीज 30 नवंबर को मैच्योर हो गई है। ये बॉन्ड 2,684 रुपए प्रति ग्राम के इश्यू प्राइस पर 26 नवंबर, 2015 को जारी किए गए थे। धारक ने इसे 6,132 रुपए प्रति यूनिट पर रिडीम किया। इस हिसाब से बीते 8 साल में कुल 128.5% का रिटर्न मिला। यदि किसी निवेशक ने नवंबर 2015 में गोल्ड बॉन्ड में 1 लाख रुपए का निवेश किया होगा, तो 30 नवंबर को उसे करीब 2.28 लाख रुपए मिले होंगे। यानी इस निवेश पर 8 साल में करीब 1.28 लाख रुपए की कमाई होगी।
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