बक्सर (बिहार) : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को बिहार के बक्सर स्थित डलसागर स्टेडियम में आयोजित पार्टी की ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा के गठबंधन पर करारा हमला बोला। खरगे ने कहा कि जदयू और भाजपा का गठबंधन अवसरवादी है, जिसका मकसद सिर्फ सत्ता में बने रहना है। उन्होंने आरोप लगाया कि, “नीतीश कुमार केवल मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए बार-बार राजनीतिक पाला बदलते हैं।”
‘महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा से हाथ मिलाया’
खरगे ने नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या करने वाली विचारधारा, यानी संघ (RSS) और भाजपा से हाथ मिलाया है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस गठबंधन को सत्ता से बाहर करें।
1.25 लाख करोड़ के पैकेज का क्या हुआ?
खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 18 अगस्त 2015 को मोदी ने बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का वादा किया था, लेकिन आज तक उस वादे का कोई अता-पता नहीं है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मोदी जी झूठ की फैक्टरी चला रहे हैं।” कांग्रेस अध्यक्ष ने बिहार के लोगों से आह्वान किया कि वे इस बार राजग सरकार को सत्ता से बाहर करें और महागठबंधन के उम्मीदवारों को समर्थन दें।
नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस पर कार्रवाई को बताया ‘राजनीतिक निशाना’
नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर आरोपपत्र को लेकर खरगे ने कहा, “यह कांग्रेस को डराने की कोशिश है, लेकिन हमारे नेता डरने वाले नहीं हैं। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।”
RSS-भाजपा पर कमजोर वर्गों के खिलाफ होने का आरोप
खरगे ने अपने भाषण में संघ और भाजपा पर हमला करते हुए दावा किया कि ये दोनों संगठन गरीब, महिलाएं और कमजोर वर्गों के कल्याण में विश्वास नहीं रखते। उन्होंने कहा, “ये जाति और धर्म के आधार पर समाज को बांटने का कार्य करते हैं। संसद में पारित किया गया वक्फ (संशोधन) अधिनियम भी इसी साजिश का हिस्सा है।”
रैली के बाद बिहार में सियासी हलचल
कांग्रेस की यह रैली ‘जय बापू, जय भीम और जय संविधान’ के नारे के साथ सामाजिक न्याय, समानता और संविधान की रक्षा के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। इसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और आम नागरिक शामिल हुए। खरगे की इस तीखी बयानबाज़ी के बाद बिहार की सियासत में हलचल तेज़ हो गई है। आने वाले चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता ‘अवसरवादी गठबंधन’ के खिलाफ क्या रुख अपनाती है।