भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई। यह हादसा जगदीशपुर थाना क्षेत्र के दुल्हिनगंज पेट्रोल पंप के पास सुबह 3.17 बजे हुआ। जानकारी के अनुसार, यह कार महाकुंभ से लौटते समय तेज रफ्तार में थी और अनियंत्रित होकर खड़े ट्रक में जा घुसी। हादसा इतना भीषण था कि कार में सवार सभी 6 लोग मौके पर ही मारे गए।
हादसा ऐसे हुआ
घटना के बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि हादसा मोहनियां-आरा मार्ग पर हुआ, जहां एक ट्रक खड़ा था। कार की रफ्तार तेज होने के कारण ड्राइवर ने ट्रक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और एक पहिया करीब 20 फीट दूर जाकर गिरा। हादसे के बाद कार के कई हिस्से इधर-उधर बिखर गए। घटनास्थल पर मौजूद पेट्रोल पंप के स्टाफ ने बताया कि आवाज सुनकर वे दौड़े और मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक सभी 6 लोग मारे जा चुके थे। पांच मिनट के भीतर ही सभी की मौत हो चुकी थी।
मृतकों की पहचान
इस हादसे में जिन 6 लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान पटना के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित परिवारों के रूप में हुई है। मृतकों में पटना के जक्कनपुर सुदामा कॉलोनी के रहने वाले विशुनदेव प्रसाद के पुत्र संजय कुमार (62), उनकी पत्नी करुणा देवी (58), बेटा लाल बाबू सिंह (25), बेटी प्रिया कुमार (20) और पटना के कुम्हरार क्षेत्र के आनंद सिंह की बेटी आशा किरण (28) और चंद्रभूषण प्रसाद की बेटी जूही रानी (25) शामिल हैं।
यह सभी लोग महाकुंभ में स्नान करने के लिए इलाहाबाद गए थे और वापसी के दौरान यह हादसा हुआ। उनके परिवार के सदस्य, जो पटना से भोजपुर पहुंचे, इस हादसे को लेकर बेहद शोकाकुल थे। कुसुम सिन्हा नाम की एक परिजन ने रोते हुए कहा, ‘यह सभी लोग एक ही परिवार के थे और महाकुंभ से लौटते वक्त यह दर्दनाक हादसा हुआ’।
पुलिस जांच
स्थानीय लोगों का मानना है कि यह हादसा चालक के नींद में होने की वजह से हो सकता है, क्योंकि कार की रफ्तार अत्यधिक तेज थी। पुलिस ने ट्रक के ड्राइवर की पहचान कर ली है, लेकिन वह घटना के बाद से फरार है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच जारी है।
यह हादसा न केवल उन छह लोगों के परिवार के लिए गहरा शोक लेकर आया, बल्कि इसने सभी को यह अहसास दिलाया कि सड़कों पर सुरक्षा नियमों का पालन करना कितना जरूरी है। कार की रफ्तार अत्यधिक तेज थी और अगर ड्राइवर सतर्क होता तो यह हादसा टाला जा सकता था। यह घटना महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन के बाद एक कष्टप्रद और दुखद अंत के रूप में सामने आई है।
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