नई दिल्ली। Car Overloading: अक्सर लोग गाड़ी अपनी सुविधा के लिए खरीदते हैं। बहुत लोगों के लिए अपनी कार होना समाज में एक प्रतिष्ठा की बात भी होती है। गाड़ी खरीदने के पीछे जो एक और कारण होता है, वह है, लोगों का अपने पैसों का सही जगह निवेश करना।
Car Overloading – ओवरलोडिंग बन सकती समस्या
जब लोग अपनी गाड़ी में ओवरलोडिंग (Car Overloading) करते हैं, यानी क्षमता से अधिक लोगों को बैठाते हैं तो यह कार की आयु कम करने का कारण बन जाता है। इस दौरान बार-बार कार को सर्विस सेंटर ले जाने की जरूरत पड़ती है। ऐसे में अपनी कार में कभी भी आवश्यकता से अधिक लोगों को नहीं बैठाना चाहिए। इससे बचना चाहिए।
Car Overloading- अधिक सामान न रखें
लोग अक्सर यह गलती करते हैं कि गाड़ियों में बहुत अधिक सामान लाद देते हैं। साथ ही काफी संख्या में लोगों को भी बिठाते हैं। अक्सर यह संयुक्त परिवारों में देखा जा सकता है। जब एक ही कार में लोगों की संख्या बढ़ती है तो उनका समान भी बढ़ जाता है और कार ओवरलोड हो जाती है।
Overloading- तकनीकी सीमाएं
किसी भी कार की अपनी तकनीकी सीमाएं निर्धारित रहती हैं। वह अपनी क्षमता अनुसार ही भार उठा सकती है। जब उसमें ओवरलोडिंग की जाती है, तब उसके खराब होने की अधिक संभावना रहती है। गाड़ी में जो सस्पेंशन लगा होता है, उसमें क्षमता से अधिक वजन लादने पर दबाव अधिक बढ़ जाता है और सस्पेंशन में खराबी आ जाती है। यहां तक की उसके टूटने की भी संभावना होती है।
Car Overloading- इंजन हो सकता खराब
बड़ी-बड़ी गाड़ियां जो लोगों को एक से एक फीचर्स और शानदार माइलेज वाला इंजन प्रदान करती हैं, वह इंजन भी अधिक ओवरलोडिंग के कारण खराब हो सकता है।
Car Overloading- गलतियों का प्रभाव
इन बातों के बारे में लोग नहीं सोचते जिसकी वजह से उनकी गाड़ी जो अधिक लंबे समय तक चल सकती है, वह एक निश्चित समय सीमा में केवल सर्विसिंग ही मांगती है और अंत में जवाब दे देती है।
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