नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को सौंप दी गई है। केंद्र की ओर से गुरुवार को यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान दी गयी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इस मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का आग्रह किया है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने CBI जांच का एलान करते हुए बताया कि मणिपुर में करीब 72 फीसदी सरकारी कर्मचारी काम पर लौट आए हैं। 82 फीसदी बच्चे भी स्कूल आने लगे हैं।
शांति बहाली के लिए सरकार ने मणिपुर में सभी जरूरी कदम उठाए हैं। राज्य में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया। वहां करीब 36 हजार जवान तैनात हैं। केंद्रीय बलों की 124 कंपनियां और सेना व असम राइफल्स की 184 टुकड़ियां भेजी गईं हैं। राज्य में तीन महीने तक चली जातीय हिंसा में करीब 150 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि अब धीरे धीरे स्थिति बेहतर हो रही है।
जिसे मोबाइल से वीडिया शूट किया गया, पुलिस ने किया बरामद
मणिपुर में महिओं के नग्न परेड वाला वायरल वीडियो जिस मोबाइल से शूट किया गया था, उसे भी बरामद कर लिया गया है। साथ ही वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। विदित हो कि पिछले हफ्ते 4 मई की घटना का वीडियो वायरल हुआ था। इसे लेकर पूरे देशभर में आक्रोश है और इसकी निंदा हो रही है। सबसे अधिक हंगामा संसद में हो रहा है। अब तक मॉनसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ चुका है।
कुकी व मैतेई संगठनों से शुरू हुई वार्ता :
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय लगातार मैतेई और कुकी समुदाय के लोगों के संपर्क में है। ताकि जल्द से जल्द राज्य में शांति बहाल की जा सके।
INDIA के सांसद 29-30 जुलाई को करेंगे मणिपुर का दौरा
जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की स्थिति के आकलन करने के लिए विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसद 29-30 जुलाई को राज्य का दौरा करेंगे। लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मनिकम टैगोर ने बताया कि 20 से अधिक विपक्षी सांसदों का प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह के अंत में मणिपुर जाएगा और वहां के लोगों से मिलकर राज्य के मौजूदा स्थिति का जायजा लेगा।
जानिए 4 मई को मणिपुर में क्या हुआ था :
मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हिंसा कि बात करें तो राज्य की राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले के गांव बी. फीनोम में हुई। ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, चार मई को शाम लगभग तीन बजे 900-1000 की संख्या में अलग अलग संगठनों से जुड़े लोग बी. फीनोम गांव में घुस आए। इनके पास एके राइफल्स, एसएल.आर इंसास और 303 राइफल्स जैसे अत्याधुनिक हथियार थे। हिंसक भीड़ ने सभी घरों में तोड़फोड़ की और फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, बर्तन, कपड़े, अनाज सहित नकदी को लूटने के बाद सभी चल संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।
उनसे बचने के लिए पांच ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भाग निकले, जिन्हें नॉनपाक सेकमाई पुलिस टीम द्वारा बचाया गया और वे नोंगनोक सेकमाई थाने के रास्ते में थे। इस बीच उन्हें रास्ते में एक भीड़ ने रोक दिया। नोंगपोक सेकमाई थाने से लगभग दो किलोमीटर दूर भीड़ ने उन्हें पुलिस टीम की सुरक्षा से छीन लिया। इस दौरान एक 56 साल के व्यक्ति की घटनास्थल पर ही हत्या कर दी गई।
भीड़ द्वारा तीन महिलाओं को उनके कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। इसके बाद उनकी नग्न परेड करायी गयी। घटना से जुड़े वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं, जो रो रही हैं और उनसे छोड़ने की गुहार लगा रही हैं। हैवानियत यहीं नहीं रुकी। 21 साल की लड़की का दिन दहाड़े बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। जब 19 वर्षीय छोटे भाई ने अपनी बहन की अस्मिता और जान बचाने की कोशिश की, तो भीड़ में शामिल लोगों ने उसकी मौके पर ही हत्या कर दी। हालांकि, पीड़िता कुछ लोगों की मदद से मौके निकल सकीं।
घटना में आरोपियों पर किन धाराओं में दर्ज हुआ केस ?
इस घटना हो लेकर दो एफआईआर दर्ज हैं। पहली 18 मई को जीरो एफआईआर, जबकि दूसर घटना के एक महीने बाद 21 जून को दर्ज की गई थी। इसमें आइपीसी की धारा 153ए, 398, 427, 436, 448, 302, 354, 364, 326, 376 और 34 और शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1सी) के तहत दर्ज किया गया। पुलिस द्वारा दर्ज इस एफआईआर में भीड़ में शामिल करीब 1,000 लोगों पर कई आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी समेत पांच से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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