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Naxalites surrender Chaibasa : एक और बड़ी सफलता, चाईबासा में 10 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

Jharkhand Hindi News : झारखंड सरकार के प्रत्यर्पण व पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर डीजीपी व डीआईजी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष भाकपा माओवादी संगठन के सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया है

by Rajeshwar Pandey
Naxalites surrender Chaibasa
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Chaibasa Maoist news : चाईबासा : नक्सलियों के खिलाफ झारखंड पुलिस व सुरक्षा बलों को मिल रही लगातार सफलता में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज हो गई जब चाईबासा में गुरुवार को भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े दस सदस्यों ने डीजीपी व अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इन नक्सलियों ने झारखंड सरकार के प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हथियार डाले हैं। आत्मसमर्पण की इस बड़ी घटना से माना जा रहा है कि झारखंड और विशेष रूप से पश्चिमी सिंहभूम में माओवादियों की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

इन नक्सलियों ने डाले हथियार

रांदो बोइपाई उर्फ, कांति बोईपाई गोइलकेरा, गार्दी कोड़ा (20 वर्ष) गांधी टोला टोंटो, जॉन उर्फ जोहर पुरती (20 वर्ष) गितिलगुतु टोला टोंटो, निरसो सिदू उर्फ आशा उर्फ निराशा (20 वर्ष) छोटानागरा, घोनोर देवगम (18 वर्ष) सारजोमबुरू टोंटो, गोमेया कोड़ा उर्फ टारजन (20 वर्ष) गोइलकेरा, कैरा कोड़ा (20 वर्ष) टोंटो, कैरी कायम उर्फ गुलांची (22 वर्ष) चाईबासा, सावित्री गोप उर्फ मुतुरी उर्फ फुटबाल (18 वर्ष) गोइलकेरा, प्रदीप सिंह मुंडा तमाड़।

Naxal rehabilitation policy : 2022 से चाईबासा पुलिस को लगातार सफलता

पश्चिमी सिंहभूम जिले में 2022 से लेकर अबतक नक्सलियों के खिलाफ सैकड़ों अभियान संचालित किए गए हैं। विगत तीन वर्षों में बड़ी संख्या में नक्सलियों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा जा चुका है। वहीं मुठभेड़ में दस से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार व कारतूस सहित अन्य सामग्री बरामद करने में सुरक्षा बल के जवानों को सफलता मिल चुकी है।

माओवादी संगठन के लिए करारा झटका

नक्सलियों के आत्मसमर्पण की घटना को नक्सली संगठन के लिए करारा झटका माना जा रहा है। हाल में नक्सली संगठन के कथित पदाधिकारी ने दावा किया था कि संगठन की ओर से हथियार नहीं डाले जाएंगे। ज्ञात हो कि पुलिस व सुरक्षा बलों को नक्सल अभियान में मिल रही लगातार सफलता और दबाव के चलते यह अनुमान लगाया जा रहा था कि अंतिम सांसें गिन रहे नक्सली संगठन हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल होने का प्रस्ताव स्वीकार कर सकते हैं। झारखंड पुलिस नक्सल गतिविधियों में शामिल लोगों से लगातार अपील करती रही है कि वे राज्य सरकार की प्रत्यर्पण व पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और मुख्य धारा से जुड़ें।

2022 से चाईबासा पुलिस को लगातार सफलता

पश्चिमी सिंहभूम जिले में 2022 से लेकर अबतक नक्सलियों के खिलाफ सैकड़ों अभियान संचालित किए गए हैं। विगत तीन वर्षों में बड़ी संख्या में नक्सलियों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा जा चुका है। वहीं मुठभेड़ में दस से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार व कारतूस सहित अन्य सामग्री बरामद करने में सुरक्षा बल के जवानों को सफलता मिल चुकी है।

तीन वर्षों में मुख्य धारा में शामिल हुए 26 नक्सली

विगत तीन वर्ष में पुलिस व सुरक्षा बलों की ओर से लगातार चलाए जा रहे अभियान व दबाव का परिणाम रहा कि इस अवधि में 26 नक्सली राज्य की आत्मसर्पण नीति का लाभ उठाकर मुख्य धारा से जुड़ चुके हैं।

पश्चिमी सिंहभूम में इन नक्सलियों की रही है सक्रियता

पश्चिमी सिंहभूम (कोल्हान) क्षेत्र में विगत कुछ वर्षों से प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का संचालन केंद्रीय समिति के सदस्य मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, असीम मंडल, सुशांत उर्फ अनमोल, मेहनत उर्फ मोछू, अजय महतो उफ बुधराम, पिंटू लोहरा, अमित मुंडा, सालुका कायम, सागेन अंगरिया के नेतृत्व में किया जा रहा है। इन नक्सलियों पर नकेल कसने के लिए झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा व केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की ओर से संयुक्त रूप से अभियान दल गठित कर लगातार अभियान चलाया जा रहा है और कार्रवाई की जा रही है।

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