चाईबासा : कोल्हान आदिवासी एकता मंच के बैनर तले आदिवासी समाज ने आदिवासी मंत्री, सांसद और विधायक को 23 सितंबर तक का अल्टीमेटम (Chaibasa Tribal Society Ultimatum) दिया है। मंच के अध्यक्ष सह बिहार सरकार में डिप्टी स्पीकर रहे देवेन्द्र चांपिया ने कहा कि आदिवासियों के अस्तित्व, अस्मिता एवं पहचान बचाने अथवा कुड़मी-महतो के आदिवासी बनने की मांग पर मंत्री, सांसद और विधायक को अपना पक्ष लिखित एवं सार्वजनिक रूप से स्पष्ट करने का अल्टीमेटम देते हुए ज्ञापन सौंपा गया है।
कोल्हान आदिवासी एकता मंच झारखण्ड के सभी आदिवासी संगठन कुड़मी-महतो समुदाय की मांग का स्पष्ट विरोध करती है। झारखंड सहित कोल्हान क्षेत्र के आदिवासियों के अस्तित्व, अस्मिता, पहचान, संस्कृति, भाषा एवं संवैधानिक अधिकारों पर प्रत्यक्ष खतरा मंडरा रहा है
आदिवासी समाज ने चेतावनी (Chaibasa Tribal Society Ultimatum) दी है कि यदि कुड़मी महतो को एसटी सूची में शामिल किया गया तो इससे मूल आदिवासी समाज का अस्तित्व, अस्मिता, धर्म-संस्कृति, भाषा तथा आरक्षण पर आघात पहुंचेगा और मूल अधिकारों का हनन होगा। मंच के अध्यक्ष ने कहा कि यदि 23 सितंबर तक सभी जनप्रतिनिधि अपनी राय सार्वजनिक रूप से स्पष्ट नहीं करेंगे, तो आदिवासी समाज द्वारा जनप्रतिनिधियों के आवास का घेराव, चुप्पी तोड़ो-गद्दी छोड़ो जैसे आंदोलन करेगी।
ज्ञापन सौंपने के दौरान मंच के अध्यक्ष देवेन्द्र नाथ चंपिया, मानकी मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुवा, मंच के सचिव रवि बिरूली, विर सिंह बिरूली, कोषाध्यक्ष रमाय पुरती, संचु तिर्की, अशोक कुमार नाग, मदन बोदरा, रेयांश सामड, राहुल पुरर्ती, पंकज बंकिरा, रविन्द्र गिलुवा, सुमित सिंह मुंडा, आकाश हेंब्रम सहित काफी संख्या में विभिन्न आदिवासी समाज के लोग शामिल थे।