चाईबासा : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा दायर की गई अर्जी पर सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट, चाईबासा में सुनवाई पूरी हुई। राहुल गांधी ने अपने अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा के माध्यम से दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 205 के तहत ट्रायल के दौरान व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की मांग की थी
राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला कथित तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आपत्तिजनक टिप्पणी के विरुद्ध चाईबासा के बीजेपी नेता प्रताप कटियार की ओर से किए गये मानहानि केस से जुड़ा हुआ है। परिवादी की ओर से आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी की टिप्पणी से उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची। इसी मामले में ट्रायल की कार्यवाही चल रही है।
राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता सुभाष चंद्र मिश्रा ने अदालत को बताया राहुल गांधी एक राष्ट्रीय नेता हैं। संसदीय कार्य और देशभर में राजनीतिक कार्यक्रमों के चलते हर सुनवाई पर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना उनके लिए संभव नहीं है। इस कारण उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जाए और उनके अधिवक्ता को पेश होकर पक्ष रखने की अनुमति मिले।
अधिवक्ता केशव प्रसाद ने बताया कि 22 सितंबर को इस अर्जी पर बहस पूरी कर ली गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत ने कहा कि इस मामले में निर्णय आगामी 4 अक्टूबर 2025 को सुनाया जाएगपरिवादी पक्ष ने राहुल गांधी की अर्जी का विरोध किया है और कहा है कि आरोपी को स्वयं उपस्थित रहना चाहिए। अ
ब सबकी निगाहें 4 अक्टूबर पर टिकी होंगी, जब यह तय होगा कि राहुल गांधी को व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत मिलेगी या नहीं। यह फैसला आगे की कार्यवाही की दिशा तय करेगा।
मौके पर झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता दीपांकर राय , स्थानीय अधिवक्ता सुभाष चन्द्र मिश्रा , सरस्वती दास , कांग्रेस प्रदेश महासचिव अमूल्य नीरज खलखो , जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर दास , जिला प्रवक्ता त्रिशानु राय उपस्थित थे।