- भातकुंडा गांव में शहीद के 169वें शहादत दिवस पर मूर्ति का हुआ अनावरण
घाटशिला : पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड अंतर्गत भातकुंडा गांव में गुरुवार को स्वतंत्रता आंदोलन एवं हूल विद्रोह के नायक वीर शहीद चानकु महतो का 169वां शहादत दिवस मनाया गया, जिसमें राज्यपाल संतोष गंगवार ने मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राज्यपाल ने कहा कि झारखंड वीरों की माटी है। स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर को नमन करने का मौका मिला है।
सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, नीलांबर-पीतांबर, शेख भिखारी, वीर बुधु भगत, चानकु महतो सहित अनगिनत स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महती भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि शहीद चानकु महतो एक क्रांतिकारी ही नहीं, समाज के लिए समर्पित योद्धा थे। रंगामटिया गांव में जन्मे चानकु महतो ने अंग्रेजों के खिलाफ नारा लगाया था कि अपनी धरती से अपना पेट काटकर लगान नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि 1855 में सिदो-कान्हू के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय हुए। अंग्रेजों से मिले गद्दार की सूचना पर उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया और 15 मई 1856 को नदी के किनारे उन्हें फांसी दे दी। राष्ट्र के लिए जीना और मरना, यही सच्चे राष्ट्रप्रेम की निशानी है। देश की सेवा ही सच्चे देशभक्त की पहचान है।

उन्होंने कहा कि कॉलेज के विद्यार्थियों से कहना चाहता हूं कि ऐसे वीरों को अपने शोध कार्य में शामिल कर इतिहास के लेख में उद्धृत करें। पहलगाम की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर 26 लोगों को मार डाला था। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की सेना ने आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए आतंक को पनाह देने वाले को भी नहीं बख्शा। ऐसे पराक्रमी सैनिकों को सलाम करते हैं। भारत कभी युद्ध करने का पक्षधर नहीं रहा, पर इतना तो है की आंख दिखाने वाले को कुचलना भी जानता है। हमें जो छेड़ेगा, उसे छोड़ेंगे नहीं। जनसभा को ओडिशा की राज्यसभा सदस्य ममता महतो, सांसद बिद्युत बरण महतो, हरिशंकर महतो सहित कई लोगों ने संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचालन सपन महतो ने किया। इस दौरान पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल, एसएसपी कौशल किशोर, अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला सुनील चंद्र, एसडीपीओ अजीत कुजूर सहित काफी संख्या में आयोजन समिति के सदस्य एवं प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित थे।