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Chandrayaan-3: लैंडिंग की उल्टी गिनती शुरू, 23 को आई बाधा तो 27 को उतरेगा लैंडर, इसरो का दावा सब कुछ फेल हो जाए तब भी विक्रम चंद्रमा पर लैंड करेगा

by Rakesh Pandey
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बेंगलुरू: भारत का चंद्रयान -3 (Chandrayaan-3) मिशन 23 अगस्त की शाम 6.4 बजे चांद की सतह पर लैंड कराया जाएगा। अब जब लैंडिग में सिर्फ एक दिन शेष हैं तो सभी की धड़कने तेज हो गयी हैं। इसरो की ओर से बताया गया कि सबसे पहले विक्रम लैंडर के लिए अनुकूल स्थितियों को पहचाना जाएगा। इसरो के मुताबिक, लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक 2 घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम निर्णय होगा। इसरो के वैज्ञानिक नीलेश एम देसाई के मुताबिक, अगर चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3) को 23 अगस्त को लैंड नहीं कराया जाता है, तो फिर इसे 27 अगस्त को भी चांद पर उतारा जा सकता है।

Chandrayaan-3 के लैंडर को कल यानी 23 अगस्त को शाम 6:04 बजे 25 Km की ऊंचाई से लैंड कराने की कोशिश की जाएगी। इसमें 15 से17 मिनट लगेंगे। इस ड्यूरेशन को ’15 मिनिट्स ऑफ टेरर’ यानी ‘खौफ के 15 मिनिट्स’ कहा जाता है। अगर भारत का चंद्रयान-3 मिशन सक्सेसफुल होता है तो वो चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा।

चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग चार दिन बाद 27 अगस्त को कराई जाएगी। अभी लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 25 किमी और अधिकतम दूरी 134 किलोमीटर रह गई है। डीबूस्टिंग में स्पेसक्राफ्ट की स्पीड को धीमा किया जाता है।

27 अगस्त के लिए भी तैयारियां पूरी:

इसरो के वैज्ञानिक एम देसाई ने बताया कि यान को 30 किमी की ऊंचाई से चंद्रमा पर उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह प्रक्रिया शुरू करने से 2 घंटे पहले सभी निर्देश लैंडिंग मॉड्यूल को भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि चंद्रयान 3 को 23 अगस्त को ही चंद्रमा सतह पर उतारने में इस समय कोई मुश्किल नजर नहीं आ रही है, इसलिए हमारी पूरी कोशिश होगी की इसी दिन यान को सतह पर उतारा जाए। लेकिन अगर किसी कारणवश कोई दिक्कत आती है तो हम 27 अगस्त को लैंडिंग का विकल्प लेकर चल रहे हैं।

इसरो का दावा अगर सब कुछ फेल हो जाए तब भी विक्रम लैंड करेगा:

चंद्रयान 2 से असफलता से सीख लेते हुए इसरो ने Chandrayaan -3 को इस कदर डिजाईन किया है कि अगर सब कुछ फेल हो जाता है, अगर सभी सेंसर फेल हो जाते हैं, कुछ भी काम नहीं करता है, फिर भी यह (विक्रम) लैंडिंग करेगा, बशर्ते एल्गोरिदम ठीक से काम करें। इसरो की ओर से बताया गया कि अगर इस बार विक्रम के दो इंजन काम नहीं करेंगे, तब भी यह लैंडिंग में सक्षम होगा।

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चंद्रमा के फार साइड की तस्वीरें इसरो ने जारी की:

इसरो ने सोमवारी को चंद्रमा की फार साइड यानी ऐसा इलाका जो पृथ्वी से कभी नहीं दिखता, की तस्वीरें शेयर की हैं। इसे Chandrayaan -3 में लगे लैंडर हैजार्ड डिटेक्शन एंड एवॉयडेंस कैमरे (LHDAC) से 19 अगस्त 2023 को खींचा गया है। यह कैमरा लैंडर को सेफ लैंडिंग एरिया लोकेट करने में मदद करेगा। यानी ऐसा इलाका जहां बड़े पत्थर और गड्ढे न हो। वहीं लैंडर लैंडिंग करेगा। ताकि यान क्षतिग्रस्त न हो।

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