Chatra (Jharkhand) : झारखंड के चतरा जिले में शुक्रवार को नक्सल उन्मूलन अभियान के इतिहास में एक बड़ी सफलता दर्ज हुई। यहां प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (TSPC) के दो एरिया कमांडरों ने आपराधिक जीवन को छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें टीएसपीसी के एरिया कमांडर कुणाल उर्फ कुलदीप और रोहिणी गंझू ने शामिल हैं। इन दोनों ने आत्मसमर्पण के साथ ही हथियारों का जखीरा भी पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों ने अब जीवन की मुख्य धारा से जुड़ने का निर्णय लिया है।

आईजी के समक्ष किया सरेंडर
दोनों नक्सलियों ने जिले के उपायुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी सुनील भास्कर के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इस दौरान सीमा सुरक्षा बल के मानवेंद्र कुमार सिंह, डीसी कीर्ति श्री जी, एसपी सुमित कुमार अग्रवाल एवं एसएसबी कमांडेंट संजीव कुमार उपस्थिति थे।
आत्मसमर्पण के साथ सौंपे हथियार
दोनों नक्सलियों ने एक एसएलआर राइफल, एक सेमी राइफल और करीब 200 राउंड जिंदा कारतूस पुलिस के हवाले किए। जानकारी के अनुसार, एरिया कमांडर कुणाल के विरुद्ध चतरा और पलामू जिलों में 16 आपराधिक मामले, जबकि रोहिणी गंझू के खिलाफ 10 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं। एसपी अग्रवाल ने लगातार संवाद और प्रोत्साहन के माध्यम से दोनों नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किए।
‘आत्मसमर्पण नीति का उद्देश्य नक्सलियों को मुख्य धारा में लाना’
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आत्मसमर्पण नीति का उद्देश्य नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में लाना है। हाल के महीनों में झारखंड के विभिन्न जिलों में चल रहे लगातार अभियानों से नक्सल संगठन कमजोर हुए हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि नक्सली एक-एक कर हथियार छोड़ शांति का रास्ता अपना रहे हैं। यह आत्मसमर्पण न केवल पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, बल्कि क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।