कांकेर : छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में पुलिस ने नक्सल अभियान में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। 25 लाख के इनामी नक्सली प्रभाकर की पत्नी और 8 लाख की इनामी नक्सली राजे कांगे को रविवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसे कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के कौड़ोसाल्हेभाट गांव से पकड़ा। रावघाट एरिया कमेटी की प्रभारी और डीवीसीएम रैंक की राजे कांगे एक ग्रामीण के घर में छिपी हुई थी। पुलिस ने उसे शरण देने वाले नक्सल समर्थक श्यामनाथ उसेंडी को भी गिरफ्तार कर लिया है।
प्रभाकर की गिरफ्तारी के बाद पत्नी पर शिकंजा
बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी कि नक्सली प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव को 23 दिसंबर 2024 को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। प्रभाकर नक्सली संगठन में विगत 40 वर्षों से सक्रिय था और कई राज्यों में उसकी गतिविधियां फैली हुई थीं। वह उत्तर सब जोनल ब्यूरो का रसद इंचार्ज और मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल का प्रमुख था। प्रभाकर राव के गिरफ्तार होने के बाद से उसकी पत्नी राजे कांगे फरार थी।
राजे कांगे का नक्सल संगठन में अहम स्थान
राजे कांगे नक्सल संगठन में डीवीसीएम रैंक की सदस्य है। वह रावघाट एरिया कमेटी की प्रभारी के रूप में लंबे समय से नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रही थी। पुलिस की लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद उसे एक ग्रामीण के घर से गिरफ्तार किया गया।
प्रभाकर और राजे कांगे की नक्सली यात्रा
प्रभाकर राव, तेलंगाना के जगित्याल जिले के बीरपुर गांव का निवासी है। 1984 में नक्सली संगठन से जुड़ने के बाद उसने आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में सक्रियता दिखाई। रसद आपूर्ति और शहरी नेटवर्क का प्रभारी रहने के साथ वह नक्सली संगठन के सीसीएम सचिव गणपति का चचेरा भाई भी है।
पुलिस का अभियान और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान को तेज करते हुए राजे कांगे की गिरफ्तारी से नक्सल संगठन की ताकत को कमजोर किया है। पुलिस का मानना है कि इन गिरफ्तारियों से नक्सलियों की रणनीतिक क्षमता पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
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