सेंट्रल डेस्क : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। 1 करोड़ रुपए का इनामी नक्सली नेता सुधाकर उर्फ नरसिम्हाचलम को बीजापुर के नेशनल एरिया पार्क के जंगलों में एक मुठभेड़ (Naxal Encounter) के दौरान ढेर कर दिया गया। यह घटना देश के सबसे खतरनाक व वांछित नक्सलियों में से एक के खात्मे के रूप में देखी जा रही है।
पूरा घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और CRPF की संयुक्त टीम एंटी नक्सल सर्च ऑपरेशन के तहत बीजापुर के जंगलों में निकली थी। इसी दौरान घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ में सुधाकर को मार गिराया। बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि “घटनास्थल से एक ऑटोमेटिक हथियार और नक्सली साहित्य भी बरामद हुआ है।
कौन था नक्सली सुधाकर?
सुधाकर कर पूरा नाम नरसिम्हाचलम उर्फ गौतम उर्फ सुधाकर था। वह सीसी (सेंट्रल कमेटी) मेंबर और शिक्षा विभाग प्रभारी था और ₹1 करोड़ का इनामी था। वह चिंतापल्ली, आंध्र प्रदेश का रहने वाला था। सुधाकर नक्सल संगठन की सेंट्रल कमेटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। वह संगठन के रणनीतिकारों में से एक माना जाता था और शिक्षा व भर्ती जैसे विभाग संभालता था।
2025 में नक्सल विरोधी अभियानों की प्रमुख घटनाएं
तिथि | स्थान | मुख्य उपलब्धि |
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5 जून | बीजापुर | ₹1 करोड़ का इनामी सुधाकर ढेर |
21 मई | नारायणपुर | डेढ़ करोड़ इनामी बसवा राजू समेत 27 नक्सली ढेर |
14 मई | कुर्रेगुट्टा | देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन, 31 नक्सली मारे गए |
10 फरवरी | बीजापुर | 31 नक्सली ढेर, 11 महिलाएं शामिल |
2 फरवरी | गंगालूर | 8 नक्सली ढेर |
16 जनवरी | कांकेर | 18 नक्सली ढेर |
4 जनवरी | अबूझमाड़ | 5 नक्सली ढेर, 1 जवान शहीद |
एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत तेज किए गए हैं सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन
छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र द्वारा चलाए जा रहे विस्तृत एंटी नक्सल ऑपरेशन के तहत सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन तेज किए गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्रोन निगरानी बढ़ाई गई है। स्थानीय खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया गया है। गृह मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2025 में अब तक 150 से अधिक नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें कई वरीय नेता शामिल हैं।
विशेषज्ञ की राय
“सुधाकर जैसे वरिष्ठ नक्सली नेता का खात्मा संगठन की कमर तोड़ने जैसा है। इससे कई योजनाएं ठप हो सकती हैं।”*
-सुरक्षा विश्लेषक, मेजर रिटायर्ड मनोज सिंह