चाईबासा: झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चार सदस्यीय कमेटी ने पश्चिमी सिंहभूम जिला का भ्रमण किया। इस दौरान आयोग के सदस्यों ने चाईबासा संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा और जिला में बाल हित के तहत हो रहें कार्यों का निरीक्षण किया। आयोग के सदस्यों में विकास दोदराजका, रूचि कुजूर, डॉ. आभा वीरेंद्र अकिंचन और मिन्हाजुल हक शामिल थे। उन्होंने चक्रधरपुर अनुमंडल में सी.के.पी. रेल मंडल कार्यालय का भ्रमण किया और रेलवे स्टेशन पर चाईल्ड हेल्पलाइन का निरीक्षण किया।
किशोरों को मिल रही मूलभूत सुविधाओं का लिया जायजा
आयोग के सदस्यों ने चाईबासा संप्रेक्षण गृह का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने आवासित किशोरों को मिल रही मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। सदस्यों ने पके हुए भोजन को खाकर उसकी गुणवत्ता का जांच किया, साथ ही पीने का पानी, शयन कमरे की स्थिति, साफ-सफाई, खेल कूद की सामग्री, मनोरंजन टीवी आदि की उपलब्धता का जायजा लिया।
आयोग के सदस्यों ने देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों के लिए आश्रय गृह बाल कुंज और छाया बालिका गृह में भी बच्चों से मिलकर वहां की स्थिति देखी और निरीक्षण किया। इसके अलावा उन्होंने जिले में स्थापित विशेष बच्चों के लिए बनाए गए आशा किरण मूक बधिर विशेष विद्यालय और प्रेरणा विशेष विद्यालय के बच्चों के साथ मुलाकात कर वहां की स्थिति का भी आकलन किया। आयोग के सदस्यों ने विशेष विद्यालय में मिल रहे सुविधाओं और सरकार की योजना का भी निरीक्षण किया।
अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। आयोग के भ्रमण का उद्देश्य जिला में बाल हित के तहत हो रहें कार्यों का निरीक्षण करना और आवश्यक सुधार के लिए सुझाव देना था।
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