पटना : केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और मानवता का परिचय देते हुए एक घायल युवक की जान बचाई। उनकी यह मदद एक एक्सीडेंट के बाद हुई, जब चिराग अपने निजी कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पटना लौट रहे थे। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि राजनीति के अलावा, लोक जनशक्ति-आर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के दिल में लोगों के लिए एक गहरी संवेदनशीलता और मदद का जज्बा है।
हादसे के बाद तत्काल कार्रवाई
यह घटना बुधवार की रात लगभग 9 बजे की है, जब चिराग पासवान गया से पटना लौट रहे थे। वे जैसे ही नौबतपुर के वीरपुर गांव के पास पहुंचे, उन्होंने देखा कि एक युवक सड़क पर गिरा हुआ है और उसकी हालत गंभीर है। एक्सीडेंट में घायल युवक को देख चिराग पासवान ने अपनी गाड़ी रुकवाई और तत्काल मदद का हाथ बढ़ाया।
अस्पताल पहुंचाने की तत्परता
चिराग पासवान ने अपने साथ चल रहे लोगों की मदद से घायल युवक को उठवाया और गाड़ी में बिठाकर अस्पताल की ओर रवाना हो गए। उन्होंने इस दौरान घायल युवक की स्थिति को गंभीरता से लिया और सुनिश्चित किया कि उसे समय पर इलाज मिल सके। इसके बाद, उन्होंने युवक से उसके परिजनों का मोबाइल नंबर और पता लिया और उन्हें सूचना दी। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय थाने को भी सूचना दी, ताकि पूरी घटना की जानकारी मिल सके और आगे की कार्रवाई हो सके।
पहले भी की थी घायलों की मदद
यह पहला मौका नहीं है जब चिराग पासवान ने इस तरह से घायल व्यक्ति की मदद की हो। इससे पहले, 7 जुलाई 2024 को भी पटना से जमुई जाते वक्त चिराग पासवान ने एक बुजुर्ग व्यक्ति की मदद की थी, जो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्होंने तत्काल बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया और उसकी जान बचाई। इस तरह की घटनाएं यह दिखाती हैं कि चिराग न केवल राजनीति में सक्रिय हैं, बल्कि मानवीय कार्यों में भी हमेशा आगे रहते हैं।
चिराग पासवान की संवेदनशीलता
चिराग पासवान के इस कदम ने यह साबित कर दिया कि राजनीति से परे भी उनके दिल में लोगों के लिए एक जगह है। जहां कुछ लोग सिर्फ अपने काम में व्यस्त रहते हैं, वहीं चिराग ने अपने समय और संसाधनों का इस्तेमाल एक जिंदगी को बचाने में किया। यह घटना उनके मानवीय गुणों और संवेदनशीलता का एक और उदाहरण है, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है।
चिराग पासवान का यह कदम न केवल उस घायल युवक के लिए, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणादायक है। ऐसे समय में जब समाज में मानवता की आवश्यकता है, चिराग ने यह साबित किया कि एक नेता का असली मूल्य उसके कार्यों और लोगों के प्रति संवेदनशीलता में छिपा होता है।