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‘City on Fire : A Boyhood in Aligarh,’ जानें इस पुस्तक की देश भर में क्यों हो रही चर्चा?

by The Photon News Desk
City on Fire
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नयी दिल्ली। City on Fire-A Boyhood in Aligarh: अलीगढ़ के ताला श्रमिकों, उनके रहन-सहन पर ‘सिटी ऑन फायर: ए बॉयहुड इन अलीगढ़’ में दिलचस्प झरोखा पेश किया गया है। इसमें बौना डाकू का भी किस्सा है, जिसे अलीगढ़ के अपराध इतिहास का सबसे अमीर डाकू माना जाता है। यह पत्रकार, लेखक और वृत्तचित्र फिल्म निर्माता जेयाद मसरूर खान का एक संस्मरण है, जो 1990 के दशक में पुराने शहर के एक मुस्लिम इलाके में पले-बढ़े। ऐसा समय जो गहन राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कायापलट के दौर से गुजर रहा था।

City on Fire-A Boyhood in Aligarh : अलीगढ़ के इतिहास के सबसे अमीर डाकू का जिक्र

खान ने किताब में याद किया है कि कैसे बौना डाकू 20वीं सदी की शुरुआत में अलीगढ़ की गड्ढों वाली सड़कों पर घूमता था। ‘हार्पर कॉलिन्स इंडिया’ द्वारा प्रकाशित पुस्तक में कई सुनी-अनसुनी कहानियों, रिपोर्ताज और बातचीत के माध्यम से खान ने अलीगढ़ के जनजीवन से रूबरू कराया है। किताब में कहा गया है कि बौना डाकू को अलीगढ़ के अपराध इतिहास का सबसे अमीर डाकू माना जाता है। वह इतना अमीर था कि उसने शहर के बाहरी इलाके में अपना निजी किला बना रखा था। इसमें प्रवेश के लिए गुफाओं के समान बेहद तंग रास्ते थे जिसमें केवल बौना ही प्रवेश कर सकता था। किसी ने भी उसे पकड़ने के लिए इन गुफाओं में घुसने की हिम्मत नहीं की।

ताला बनाने वाले श्रमिकों की भी बात करती है यह किताब

किताब (City on Fire) अलीगढ़ के पुराने शहर के ताला बनाने वाले श्रमिकों के बारे में भी बात करती है। खान ने कहा है कि उन्होंने देखा कि ताला बनाने वाले कर्मचारी हमेशा काले रंग से ढके रहते थे, ग्रीस का रंग उनके चेहरे और शरीर को ढक देता था, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल था। किताब में शहर की बसावट का झरोखा भी पेश किया गया है।

गरीब और अमीर वर्ग का जीवंत वर्णन

इसमें कहा गया है कि आधुनिक ऊपर कोट में, प्रत्येक गली में तीन प्रकार के घर होते हैं: गरीब घर, अमीर घर और मंजिलें। किताब (City on Fire)में कहा गया है, गरीब घर मजदूरों के हैं। उनकी दीवारें उस दिन का इंतजार कर रही हैं जब मालिक पेंट करवाएंगे। खिड़कियों पर लगे पर्दे पुरानी चादर या जूट की बोरी होती हैं। सीढ़ियां संकरी और अंधेरी हैं। इसमें कहा गया है कि इसके विपरीत, अमीर घर इतने ऊंचे होते हैं कि उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। वे मुट्ठी भर भाग्यशाली व्यापारियों या फैक्टरी मालिकों के हैं। ये घर खुद ही संपन्नता की कहानी सुनाते हैं।

City on Fire-A Boyhood in Aligarh पुस्तक की देश भर में हो रही चर्चा

इस पुस्तक (City on Fire) की देश भर में चर्चा हो रही है। इसकी कहानी लोगों को काफी पसंद आ रही है। बड़े दिनों बाद लोगों के लिए ऐसी किताब आयी है। इस पुस्तक को समीक्षकों ने भी अच्छी रेटिंग दी है। पुस्तक को आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर खरीदारी कर सकते हैं। अगर आपको पुरानी कहानियां पसंद है और अलीगढ़ के मिजाज को जानना है तो आप इस किताब को पढ़ सकते हैं।

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