नई दिल्ली: भारत के सर्वोच्च न्यायालय को जल्द ही नया मुखिया मिलने जा रहा है। न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई (Justice B.R. Gavai) देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India- CJI) बनने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा CJI न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने बुधवार को उनके नाम की औपचारिक सिफारिश कानून मंत्रालय को भेज दी है।
14 मई को लेंगे शपथ
संभावना है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें 14 मई 2025 को पद की शपथ दिलाएंगी। हालांकि जस्टिस गवई 24 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे, यानी मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनका कार्यकाल लगभग छह महीने का होगा।
कौन हैं जस्टिस बी.आर. गवई?
जन्म: 24 नवंबर 1960, अमरावती, महाराष्ट्र
शिक्षा: कानून की पढ़ाई पूरी कर 16 मार्च 1985 को बार में शामिल हुए
पिता: दिवंगत आर.एस. गवई, पूर्व राज्यपाल (बिहार व केरल) और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता
न्यायिक सफर
14 नवंबर 2003: बॉम्बे हाईकोर्ट में अतिरिक्त न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त
12 नवंबर 2005: स्थायी जज बने
24 मई 2019: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त
मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद व पणजी की पीठों पर काम कर चुके हैं
15 साल से अधिक का अनुभव हाईकोर्ट में
दूसरे SC समुदाय से आने वाले CJI
एक बेहद खास तथ्य यह भी है कि जस्टिस गवई केवल दूसरे अनुसूचित जाति (SC) समुदाय से आने वाले मुख्य न्यायाधीश होंगे। उनसे पहले जस्टिस के.जी. बालाकृष्णन इस पद पर थे, जो 2010 में सेवानिवृत्त हुए थे। यह एक ऐतिहासिक क्षण भी है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
उत्तराधिकारी की परंपरा
भारत की न्यायिक परंपरा के अनुसार, मौजूदा CJI ही अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करते हैं। कानून मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के जवाब में जस्टिस खन्ना ने जस्टिस गवई का नाम आगे बढ़ाया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद औपचारिक नियुक्ति की जाएगी।
क्या है आगे की प्रक्रिया?
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह
14 मई को पदभार ग्रहण करेंगे
नवंबर 2025 तक रहेंगे मुख्य न्यायाधीश
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