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Clinical Establishment Act में हो सकता है संशोधन, 50 बेड से कम अस्पतालों को मिलेगी छूट

by Rakesh Pandey
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स्वास्थ्य मंत्री ने कल रांची में बुलाई बैठक,

चिकित्सकों को पूरी तैयारी के साथ आने को कहा

आइएमए झारखंड की ओर से जमशेदपुर में आयोजित बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

– मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को पास कराने के लिए विधायकों से मिलेगा आइएमए व झासा के प्रतिनिधि

जमशेदपुर : क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में कुछ जरूरी संशोधन हो सकता है। इसे लेकर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को रांची में एक बैठक बुलाई है जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) और झारखंड हेल्थ सर्विसेज एसोसिएशन (झासा) के पदाधिकारी भी शामिल होंगे। इस दौरान चिकित्सकों के कई प्रमुख मांगों पर चर्चा होगी और उसे अमलीजामा पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। दरअसल, रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झारखंड शाखा की ओर से जमशेदपुर के आइएमए भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें भाग लेने के लिए राज्यभर से आइएमए व झासा के पदाधिकारी पहुंचे थे। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को भी आमंत्रित किया गया था। स्वास्थ्य मंत्री ने करीब एक घंटे तक सभी चिकित्सकों की समस्याएं सुनी
और उसे हरसंभव दूर करने का भरोसा दिया। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर उन्होंने पूर्व में एक कमेटी बनाई थी। उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि यह केंद्र सरकार का कानून है। इसमें कुछ संशोधन करने के लिए केंद्र से दिशा-निर्देश लेना होगा। इसपर चिकित्सकों ने कहा कि देश के 15 से अधिक राज्यों ने 50 बेड से कम नर्सिंग होमों को कई तरह की छूट दी है। इसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आपलोग पूरे तथ्य और तैयारी के साथ मंगलवार को रांची आइए।

उस बैठक में स्वास्थ्य सचिव से लेकर सभी वरीय अधिकारी होंगे। इस पर गंभीरता से चर्चा होगी और जो संभव होगा उसका निदान करने का प्रयास अगले 20 से 25 दिनों के अंदर किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं काफी लड़कर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को कैबिनेट में पास कराया। लेकिन कुछ विधायकों ने इसका विरोध किया, जिसके कारण यह कानून लटका हुआ है।

ऐसे में उन्होंने आइएमए और झासा को सलाह दिया कि वे एक कमेटी बनाकर इस कानून का विरोध करने वाले चिकित्सकों से मिले और समझाएं कि इससे जनता को भी लाभ है। अगर, वे सभी विधायक उनकी बातें समझ गए तो फिर ये कानून तत्काल पास हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने महिला चिकित्सकों को भी भरोसा दिया कि उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है। सभी अस्पतालों में पुलिस पिकेट बनाया जा रहा है।

वहीं, इसे लेकर कमेटी भी बनाई गई है। इसपर आइएमए के प्रतिनिधियों ने कहा कि इस कमेटी में हमारे एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाए, जिस पर मंत्री ने अपनी स्वीकृति दे दी। इसके साथ ही श्रावणी मेला में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों की भी मांग उठी। झासा के सदस्यों ने कहा कि उनकी हर साल मेले में नियुक्ति तो होती है लेकिन इसका टीए, डीए का लाभ उन्हें नहीं मिलता है।

इसके साथ ही चिकित्सकों ने यह भी मांग किया कि वे इमरजेंसी सेवा सहित रविवार को भी ड्यूटी करते हैं। ऐसे में उन्हें एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। बैठक में आइएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा. एके सिंह, सचिव डा. प्रदीप सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. धन्वंतरी तिवारी, डा. जीसी माझी, डा. सौरभ चौधरी, डा. एसी अखौरी, डा. आरएल अग्रवाल, डा. एके लाल, डा. साहिर पाल, डा. मृत्युंजय सिंह, डा. संतोष गुप्ता, डा. वनिता सहाय, डा. उमाशंकर सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

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