Ramgarh (Jharkhand) : झारखंड के महान नेता ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन के निधन के बाद उनकी आत्मा की शांति और श्राद्ध कर्म की प्रक्रियाएं पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ चल रही हैं। उनके अंतिम संस्कार के बाद, पुत्र और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने गुरुवार को अपने पैतृक गाँव नेमरा में ‘तीन कर्म’ की परंपरा का निर्वहन किया।

Chief Minister Hemant Soren : दुःख की घड़ी में एकजुट दिखा सोरेन परिवार

इस भावुक पल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ उनका पूरा परिवार मौजूद था। इसमें उनकी माँ रूबी सोरेन, भाभी सीता सोरेन, पत्नी कल्पना सोरेन और भाई बसंत सोरेन सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे। इस अवसर पर, विधायक कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि आज परिवार के साथ दिवंगत बाबा वीर दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी की अंत्येष्टि के उपरांत नेमरा में तीन कर्म दिन होने वाली परंपरा में शामिल हुई।

खास बात यह रही कि भले ही भाजपा नेता सीता सोरेन ने अपनी पुरानी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को अलविदा कह दिया हो, लेकिन इस मुश्किल घड़ी में उन्होंने न तो परिवार से मुंह मोड़ा और न ही परिवार ने उन्हें अलगाव का एहसास होने दिया। यह एकजुटता इस दुख की घड़ी में परिवार के मजबूत बंधन को दर्शाती है।
नेमरा गांव में जुटे लोग, प्रशासन ने संभाली व्यवस्था
‘दिशोम गुरु’ के अंतिम संस्कार के बाद से ही नेमरा गाँव में लोगों और झामुमो कार्यकर्ताओं का तांता लगा हुआ है। लोग दूर-दूर से आकर अपनी संवेदनाएँ व्यक्त कर रहे हैं। इस भीड़ को नियंत्रित करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने गाँव में पुख्ता इंतजाम किए हैं।