

रजरप्पा : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने रविवार को अपने दिवंगत पिता और झारखंड के कद्दावर नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन (Shibu Soren) की अस्थियों का विसर्जन रजरप्पा में किया। इस दौरान उन्होंने दामोदर नदी के पवित्र तट पर पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए यह अनुष्ठान संपन्न किया। इस भावुक पल में सीएम के साथ उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे, जिन्होंने नम आंखों से अपने प्रियजन को अंतिम विदाई दी। संस्कार भोज के बाद ही परिवार ने अस्थि विसर्जन का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री के लिए यह एक बेहद भावुक क्षण था, क्योंकि वह न केवल एक पिता को खोने का दुख झेल रहे हैं, बल्कि उनके राजनीतिक गुरु और संरक्षक के रूप में भी शिबू सोरेन का स्थान कोई नहीं ले सकता।


Shibu Soren Burial Ashes : पूरा परिवार था मौजूद
मुख्यमंत्री अपने भाई बसंत सोरेन, अपने पुत्रों और अन्य परिजनों के साथ सुबह नेमरा स्थित पैतृक आवास से रजरप्पा मंदिर के लिए रवाना हुए। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने विधिवत रूप से अस्थि विसर्जन की प्रक्रिया पूरी की।


नेमरा में हुआ था संस्कार भोज, लाखों लोग हुए थे शामिल
शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई थी। शनिवार को उनके पैतृक गांव नेमरा में उनका संस्कार भोज आयोजित किया गया था, जिसमें लाखों की संख्या में लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस भोज में झारखंड के विभिन्न हिस्सों से आए लोग, राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता और आम जनता शामिल हुए थे। यह जनसमूह शिबू सोरेन के प्रति लोगों के गहरे सम्मान और प्रेम को दर्शाता है।


Shibu Soren Burial Ashes : दिशोम गुरु का झारखंड की राजनीति में योगदान
दिशोम गुरु के नाम से मशहूर शिबू सोरेन ने झारखंड के लिए अलग राज्य के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनका निधन झारखंड की राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का जिम्मा संभाल रहे हैं।
