लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधान परिषद में स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रश्नकाल के दौरान राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में किसी भी गरीब के लिए इलाज कराना कठिन नहीं रहा है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत प्रदेश के 10 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय कैशलैस स्वास्थ्य योजना के तहत नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं।
बिना किसी भेदभाव के प्रदान की गई धनराशि
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से पिछले आठ वर्षों में बिना किसी भेदभाव के सभी जरूरतमंदों को इलाज के लिए धनराशि प्रदान की गई है। उनका यह कहना था कि समाजवादी पार्टी की सरकार के समय केवल पार्टी से जुड़े लोगों को ही इलाज के लिए धन दिया जाता था, जबकि अब उनकी सरकार सभी नागरिकों को समान रूप से लाभ दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रदेशवासियों की सहायता करना है, और इसके लिए वे इलाज के दौरान अतिरिक्त धनराशि की मांग भी पूरी कर रहे हैं क्योंकि हर मानव क्षति प्रदेश और समाज की भी क्षति होती है।
कई महत्वपूर्ण उपायों का किया उल्लेख
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए किए गए कई महत्वपूर्ण उपायों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में केवल 17 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इन कॉलेजों में अच्छे प्रोफेसरों की नियुक्ति की जा रही है और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अच्छे डॉक्टर्स को जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में तैनात करें। मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक बनाने की दिशा में भी काम हो रहा है। इसके अलावा, हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला आयोजित किया जा रहा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ लोगों को दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश के हर जिले में नि:शुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है और ब्लड बैंक के जरिए हर नागरिक को जांच की सुविधा दी जा रही है। मेडिकल कॉलेजों में पैरामेडिकल और नर्सिंग की शिक्षा पर भी सरकार लगातार ध्यान दे रही है।
1200 बेड वाले एसजीपीजीआई में 2200 बेड का हो रहा संचालन
योगी आदित्यनाथ ने एसजीपीजीआई की उपलब्धियों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि एसजीपीजीआई ने नये आठ विभागों की शुरुआत की है, जिससे प्रदेश और देश में अब तक जिन सुविधाओं का अभाव था, अब उनका इलाज भी वहां किया जा रहा है। इसके अलावा, 1200 बेड वाले एसजीपीजीआई में अब 2200 बेड का संचालन हो रहा है। एसजीपीजीआई पूरे उत्तर भारत में एक प्रमुख संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है और यहां की सुविधाएं लोगों को उच्च गुणवत्ता का इलाज प्रदान कर रही हैं।
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