प्रयागराज : 12 साल के अंतराल पर आयोजित होने वाले कुंभ मेले की शुरुआत प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से होगी, जो 26 फरवरी 2025 कर चलेगा। ऐसे में श्रद्धालुओं को कुंभ नगरी की भव्यता का दिव्य दर्शन कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भारी भरकम बजट का एलान किया है।
इसके साथ ही महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार ने एक विशेष योजना बनाई है। प्रयागराज का दौरा करते हुए उन्होंने सुरक्षा संबंधी तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए। इस बार सुरक्षा को और भी मजबूत करने के लिए महाकुंभ को सात स्तर की सुरक्षा व्यवस्था से लैस किया जाएगा।
सुरक्षा के सात चक्र
मूल स्थल पर चेकिंग : श्रद्धालुओं के प्रवेश स्थल पर प्राथमिक सुरक्षा चेक।
परिवहन चेकिंग : ट्रेन, बस, और निजी वाहनों की सुरक्षा जांच।
राज्य सीमाओं पर चेकिंग : प्रदेश की सीमाओं पर विस्तृत चेकिंग।
जोन सीमाएं और टोल प्लाजा : इन स्थानों पर सुरक्षा जांच के पुख्ता इंतजाम।
प्रयागराज कमिश्नरेट की सीमा : यहां भी चेकिंग की जाएगी।
मेला क्षेत्र आउटर में चेकिंग : अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
इनर और आइसोलेशन कार्डन : गहन चेकिंग के लिए तैनात किया जाएगा।
पुलिस बल की तैनाती
महाकुंभ 2025 में सुरक्षा के लिए कुल 37,611 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे, जिनमें से- 22,953 मेला क्षेत्र में, 6,887 कमिश्नरेट में, 7,771 जीआरपी में शामिल होंगे। इसके अलावा, महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 1,378 महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद रहेंगी।
पिछले कुंभों की तुलना
सीएम योगी ने पिछले कुंभों की सुरक्षा व्यवस्था की तुलना में इस बार अधिक कड़े सुरक्षा उपाय करने के निर्देश दिए हैं। उदाहरण के लिए, 2013 के महाकुंभ में 22,998 पुलिसकर्मी तैनात थे, जबकि 2025 में यह संख्या 14,713 अधिक होगी।
महाकुंभ 2025 में विभिन्न पुलिस इकाइयों की निम्नलिखित संख्या तैनात होगी
नागरिक पुलिस : 18,479
महिला पुलिस : 1,378
यातायात पुलिस : 1,405
सशस्त्र पुलिस : 1,158
घुड़सवार पुलिस : 146
जल पुलिस : 340
होमगार्ड्स : 13,965
इंटेलिजेंस यूनिट की भूमिका
महाकुंभ की सुरक्षा में इंटेलिजेंस यूनिट की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सभी श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी और 10 प्रकार के सुरक्षा ऑपरेशन पूरे मेले के दौरान चलाए जाएंगे। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) युक्त सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा, जो संपूर्ण मेला क्षेत्र की निगरानी करेंगे। इस मजबूत सुरक्षा व्यवस्था के माध्यम से श्रद्धालुओं को सुरक्षित और निर्भीक तीर्थयात्रा का अनुभव कराने का प्रयास किया जाएगा।
Read Also- महाकुंभ 2025- CM योगी की नजरों के नीचे हो रही तैयारी, उर्दू शब्दों पर संतों को ऐतराज क्यों