पटना : साइबर अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए बिहार पुलिस द्वारा एक बड़ी पहल की गई है। बिहार में साइबर आईजी की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही डीआईजी, 3 एसपी और साइबर सिक्योरिटी एसपी के पदों का सृजन करके नियुक्ति की जाएगी। इसे साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की दिशा में, एक सार्थक प्रयास माना जा रहा है। साइबर कमांडो भी साइबर अपराधों से मुक्ति दिलाने के लिए मुस्तैद रहेंगे।
अलग से गठित किया जाएगा साइबर विंग
डिजिटल इंडिया के एक स्याह पक्ष के रूप में साइबर अपराध उभरकर सामने आया है। इसमें लोगों से अलग-अलग तरीकों से साइबर ठगी की जाती है। साइबर ठगी करने वाले अपराधियों का मनोबल भी दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जिसका सबसे नया प्रमाण डिजिटल अरेस्ट के रूप में देखा जा रहा है। साइबर अपराधियों के इसी मनोबल को तोड़ने और आम जनता को साइबर अपराध से मुक्ति दिलाने के लिए बिहार पुलिस में अब एक अलग शाखा साइबर क्राइम से निपटने की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाएगी। इसके लिए साइबर डीएसपी से लेकर एसपी और कमांडो तक की नियुक्ति की जाएगी।
डीएसपी तक बचाएंगे साइबर अपराध से
साइबर अपराध से निपटने के लिए बिहार में अलग से एक साइबर क्राइम विंग का गठन किया जाएगा। इसके अंतर्गत डीएसपी, एसपी रैंक से लेकर कमांडो तक के नए पदों का सृजन किया जाएगा। इसके लिए एक अलग भवन भी निर्मित किया जाएगा, जिसमें केवल साइबर अपराध से जुड़े मामलों को देखा जाएगा। साइबर विंग के अलग भवन निर्माण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके अंतर्गत भारत सरकार के गृह मंत्रालय के सहयोग द्वारा कुछ चुनिंदा कर्मियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षण के लिए IIT और NIT जैसे संस्थानों में भेजा जाएगा।
आमजन से लेकर खास तक त्रस्त
साइबर अपराध के मामले इतने अधिक बढ़ गए हैं कि अब साइबर अपराधी न केवल आम लोगों को, बल्कि उच्च पदों पर आसीन और सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को भी लालच दिखा कर डिजिटल ठगी का शिकार बना रहे हैं, जिनमें कोई भी आसानी से फंस जाता है। साइबर अपराधियों के झांसे में आकर लोगों के साथ करोड़ों रुपये तक की ठगी हो जाती है। बिहार में बनाए जा रहे इस साइबर विंग से लोगों को काफी हद तक मदद मिलने की संभावना है।
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