रांची: रिम्स निदेशक को हटाए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने बाबूलाल पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पद से अधिकारी हटाए जाते हैं, जातियां नहीं। उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी को वर्तमान सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से पहले अपने कार्यकाल को याद करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि झारखंड में भ्रष्टाचार की गंगोत्री की शुरुआत बाबूलाल मरांडी के मुख्यमंत्री रहते ही हुई थी, जिसे भाजपा सरकारों ने वर्षों तक सींचा। उन्होंने कहा कि भाजपा के लंबे शासनकाल में भ्रष्टाचार की जड़ें मजबूत हुईं, जिन पर अब महागठबंधन सरकार चोट कर रही है। यहीं वजह है कि भाजपा बौखला गई है।
अस्पताल की व्यवस्था हो रही थी प्रभावित
प्रवक्ता ने कहा कि रिम्स निदेशक के कार्यकाल में कई गड़बड़ियां सामने आई थीं जिससे अस्पताल की व्यवस्था प्रभावित हो रही थी। ऐसे में उन्हें हटाना जरूरी था। यह प्रशासनिक निर्णय था, जिसे भाजपा गलत रंग देने की कोशिश कर रही है। सोनाल शांति ने भाजपा के शासनकाल में हुए घोटालों की याद दिलाते हुए कहा कि प्रथम जेपीएससी परीक्षा में हुआ घोटाला आज भी राज्य के युवाओं को परेशान कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों को बाबूलाल मरांडी भ्रष्टाचारी कहते हैं, उन्हीं को भाजपा में शामिल किया गया है। दवा घोटाले के आरोपी भानु प्रताप शाही और एक पूर्व स्वास्थ्य मंत्री का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा शासन में कई अधिकारी जेल भी जा चुके हैं।
भ्रष्टाचार पर कार्रवाई कर रही सरकार
उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार पर कठोर कार्रवाई कर रही है, बाबूलाल मरांडी को इस मुहिम में सहयोग करना चाहिए, न कि जातीय भावनाएं भड़का कर इसमें रोड़ा अटकाना चाहिए। सोनाल शांति ने रघुवर दास के कार्यकाल में हुए टॉफी और टी-शर्ट घोटालों का भी जिक्र किया और कहा कि बाबूलाल जी को यह सब देखना चाहिए।
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