पटना: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों बिहार दौरे पर हैं। आज उन्होंने पटना एयरपोर्ट से सीधे होटल मौर्य का रुख किया, जहां पहले से ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख नेता मौजूद थे। होटल के मुख्य द्वार पर राहुल गांधी और आरजेडी के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई, जो महज 20 सेकंड तक चली। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच औपचारिक बातचीत की कोई खास जानकारी नहीं मिली, लेकिन यह बिहार की राजनीति में एक दिलचस्प घटनाक्रम बन गया है।
20 सेकंड में क्या हुआ?
बिहार की राजनीति में लंबे समय से इस बात को लेकर चर्चाएं चल रही थीं कि क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच मुलाकात होगी या नहीं। इन अटकलों के बीच आज दोनों नेताओं का सामना हुआ, लेकिन यह मुलाकात बेहद संक्षिप्त रही। जब राहुल गांधी होटल मौर्य में प्रवेश कर रहे थे, तो उनकी नजर तेजस्वी यादव पर पड़ी। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया, हालचाल पूछा और फिर 20 सेकंड के भीतर अपनी-अपनी राह पकड़ ली। इस मुलाकात में किसी भी तरह की औपचारिक या राजनीतिक चर्चा की कोई जानकारी सामने नहीं आई। हालांकि, सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को अपने आवास पर आने का निमंत्रण दिया।
क्या है मुलाकात का राजनीतिक महत्व?
यह मुलाकात बिहार की राजनीतिक स्थिति को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि कांग्रेस और आरजेडी के बीच तालमेल और सहयोग की संभावनाओं पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यह मुलाकात यह संकेत देती है कि दोनों दलों के बीच सहयोग की संभावना अभी भी बरकरार है। हालांकि, यह मुलाकात महज एक औपचारिकता की तरह थी, लेकिन इसके बावजूद यह दोनों नेताओं के बीच एक सकारात्मक संकेत के रूप में देखी जा रही है।
आरजेडी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक जारी
इस बीच, होटल मौर्य में ही आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है, जिसमें पार्टी के कई शीर्ष नेता उपस्थित हैं। इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, तेजप्रताप यादव, शिवानंद तिवारी, अब्दुल बारी सिद्दीकी जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं। इस बैठक में पार्टी की आगामी रणनीतियों और चुनावी तैयारियों पर चर्चा हो रही है, और यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
जगदानंद सिंह की अनुपस्थिति
हालांकि, इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह शामिल नहीं हुए हैं। उनकी अनुपस्थिति ने भी राजनीति के गलियारों में चर्चाएं पैदा की हैं। बिहार विधानसभा उपचुनाव के बाद से ही उनके और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के बीच असहमति की खबरें सामने आ रही थीं। हालांकि, पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि वह तबीयत खराब होने के कारण बैठक में भाग नहीं ले पाए हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बैठक में नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर कोई फैसला लिया जाता है, जैसा कि कयास लगाए जा रहे हैं।
भविष्य में क्या हो सकता है?
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की मुलाकात भले ही औपचारिक रही हो, लेकिन इससे यह साफ संकेत मिलता है कि दोनों दलों के बीच भविष्य में राजनीतिक सहयोग की संभावना बनी हुई है। बिहार में अगले विधानसभा चुनाव और अन्य चुनावी गतिविधियों को देखते हुए इस मुलाकात को एक अहम संकेत माना जा सकता है।
इसके अलावा, आरजेडी के अंदर हो रहे संगठनात्मक बदलाव, जैसे प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव, पार्टी की आगामी दिशा और रणनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। आगामी दिनों में इस बैठक के नतीजों से यह भी साफ हो सकता है कि बिहार में विपक्ष की एकजुटता का नया मोर्चा तैयार हो रहा है या नहीं।
कुल मिलाकर, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की 20 सेकंड की मुलाकात भले ही छोटी सी हो, लेकिन यह बिहार की राजनीति में नए समीकरण और संभावनाओं की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।